जयललिता (फाइल फोटो)
चेन्नई:
तमिलनाडु में 232 सीटों के लिए गुरुवार को मतगणना होगी और चुनाव आयोग की ओर से इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इन सीटों के लिए बीते 16 मई को मतदान हुआ था। राज्य में मुख्य मुकाबला अन्नाद्रमुक और द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधनों के बीच माना जा रहा है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतगणना गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू होगी और तीन बजे तक मतगणना का कार्य पूरा हो जाएगा। माना जा रहा है कि दोपहर 12 बजे तक तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।
इस बार के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री जे जयललिता सत्ता में बने रहने की उम्मीद के साथ मैदान में उतरी हैं तो द्रमुक के मुखिया करुणानिधि राज्य में सत्ता परिवर्तन की पुरानी परिपाटी के अनुरूप फिर से मुख्यमंत्री बनने की आशा लगाए हुए हैं। हालांकि पीपुल्स वेलफेयर फंट्र की वजह से मुकाबला कुछ हद तक त्रिकोणीय नजर आ रहा है।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और द्रमुक में से कोई भी खम ठोंककर अपनी जीत का दावा नहीं कर रहा है और चुनाव सर्वेक्षणों में भी राय बंटी नजर आई है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 16 मई को शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। 5.50 करोड़ मतदाताओं के लिए करीब 65000 मतदान केंद्रों बनाए गए थे। शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे।
तमिलनाडु के 32 जिलों में 234 विधानसभा सीटें हैं लेकिन मतदान केवल 232 सीटों के लिए हो रहा है क्योंकि चुनाव आयोग ने मतदाताओं के बीच धन बांटे जाने की शिकायतों के बाद अरावाकुरिची और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान टालने का निर्णय लिया था। इन सीटों के लिए 23 मई को मतदान होगा।
इस चुनाव में जयललिता (आरके नगर) और करुणानिधि (तिरवरूर) के अलावा डीएमडीके के संस्थापक विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास, एम के स्टालिन (द्रमुक), भाजपा के टी सुंदरराजन और एच राजा समेत कई नेताओं के चुनावी भविष्य का फैसला होगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए 21780 अर्ध सैन्यकर्मियों समेत कुल 1,11,958 पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था।
तमिलनाडु में इस बार भी मुख्य मुकाबला अन्नाद्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधन और द्रमुक-कांग्रेस के गठबंधन के बीच माना जा रहा है। अन्नाद्रमुक कुछ छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। द्रमुक और कांग्रेस ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कुछ और छोटी पार्टियों को साथ लिया है।
वैसे, इस बार वाइको की पार्टी एमडीएमके और विजयकांत की डीएमडीके के नेतृत्व वाले गठबंधन पीडब्ल्यूएफ ने चुनाव को दिलचस्प बनाया है और कुछ हद तक मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। इस गठबंधन में कम्युनिस्ट पार्टियां शामिल हैं।
अलग अलग चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में द्रमुक और अन्नाद्रमुक नीत गठबंधनों के जीत का अनुमान लगाए जाने से नतीजों को लेकर दिलचस्पी और बढ़ गई है।
भाजपा इस बार आईजीके के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। इस बार के चुनाव में कुछ दूसरी पार्टियां भी चुनावी मैदान में हैं।
इस चुनाव में अन्नाद्रमुक ने 227 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। द्रमुक 180 और कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
साल 2011 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 203 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। इसमें अन्नाद्रमुक को 150, डीएमडीके को 29, माकपा को 10 और भाकपा को नौ सीटें मिली थीं। दूसरी तरफ द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन को महल 31 सीटें ही मिली थीं। द्रमुक को 23, कांग्रेस को पांच और पीएमके को तीन सीटें मिली थीं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतगणना गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू होगी और तीन बजे तक मतगणना का कार्य पूरा हो जाएगा। माना जा रहा है कि दोपहर 12 बजे तक तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।
इस बार के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री जे जयललिता सत्ता में बने रहने की उम्मीद के साथ मैदान में उतरी हैं तो द्रमुक के मुखिया करुणानिधि राज्य में सत्ता परिवर्तन की पुरानी परिपाटी के अनुरूप फिर से मुख्यमंत्री बनने की आशा लगाए हुए हैं। हालांकि पीपुल्स वेलफेयर फंट्र की वजह से मुकाबला कुछ हद तक त्रिकोणीय नजर आ रहा है।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और द्रमुक में से कोई भी खम ठोंककर अपनी जीत का दावा नहीं कर रहा है और चुनाव सर्वेक्षणों में भी राय बंटी नजर आई है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 16 मई को शांतिपूर्ण संपन्न हुआ था। 5.50 करोड़ मतदाताओं के लिए करीब 65000 मतदान केंद्रों बनाए गए थे। शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे।
तमिलनाडु के 32 जिलों में 234 विधानसभा सीटें हैं लेकिन मतदान केवल 232 सीटों के लिए हो रहा है क्योंकि चुनाव आयोग ने मतदाताओं के बीच धन बांटे जाने की शिकायतों के बाद अरावाकुरिची और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान टालने का निर्णय लिया था। इन सीटों के लिए 23 मई को मतदान होगा।
इस चुनाव में जयललिता (आरके नगर) और करुणानिधि (तिरवरूर) के अलावा डीएमडीके के संस्थापक विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदास, एम के स्टालिन (द्रमुक), भाजपा के टी सुंदरराजन और एच राजा समेत कई नेताओं के चुनावी भविष्य का फैसला होगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए 21780 अर्ध सैन्यकर्मियों समेत कुल 1,11,958 पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था।
तमिलनाडु में इस बार भी मुख्य मुकाबला अन्नाद्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधन और द्रमुक-कांग्रेस के गठबंधन के बीच माना जा रहा है। अन्नाद्रमुक कुछ छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। द्रमुक और कांग्रेस ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कुछ और छोटी पार्टियों को साथ लिया है।
वैसे, इस बार वाइको की पार्टी एमडीएमके और विजयकांत की डीएमडीके के नेतृत्व वाले गठबंधन पीडब्ल्यूएफ ने चुनाव को दिलचस्प बनाया है और कुछ हद तक मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। इस गठबंधन में कम्युनिस्ट पार्टियां शामिल हैं।
अलग अलग चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में द्रमुक और अन्नाद्रमुक नीत गठबंधनों के जीत का अनुमान लगाए जाने से नतीजों को लेकर दिलचस्पी और बढ़ गई है।
भाजपा इस बार आईजीके के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। इस बार के चुनाव में कुछ दूसरी पार्टियां भी चुनावी मैदान में हैं।
इस चुनाव में अन्नाद्रमुक ने 227 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। द्रमुक 180 और कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
साल 2011 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 203 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। इसमें अन्नाद्रमुक को 150, डीएमडीके को 29, माकपा को 10 और भाकपा को नौ सीटें मिली थीं। दूसरी तरफ द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन को महल 31 सीटें ही मिली थीं। द्रमुक को 23, कांग्रेस को पांच और पीएमके को तीन सीटें मिली थीं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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