डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि (फाइल फोटो)
चेन्नई / नई दिल्ली:
विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर चुनाव आयोग ने रविवार को डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि को निर्देश दिया कि वह पार्टी के सोशल मीडिया प्रचार को रोकें। आयोग ने डीएमके प्रमुख से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार शाम तक करुणानिधि से इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने एआईएडीएमके की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा की ओर से की गई शिकायत पर यह कार्रवाई की।
एआईएडीएमके ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया...
चुनाव से ही जुड़े एक अन्य मामले में एआईएडीएमके ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया, जबकि डीएमके ने चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त मांगा। आयोग ने दोनों पार्टियों के प्रमुखों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि उन्होंने अपने घोषणापत्रों में जो लोक-लुभावन वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए पैसे कहां से लाएंगे।
सूत्रों ने बताया, "मामला विचाराधीन है..." सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रचार के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश लखोनी की ओर से करुणानिधि को लिखे गए पत्र में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में सभी राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण 'मतदान संपन्न होने के दिन से 48 घंटे पहले' बंद हो जाना चाहिए। एआईएडीएमके ने शिकायत की थी कि डीएमके सोशल मीडिया में करुणानिधि के पक्ष में प्रचार कर रहा है और वोटरों के बीच अपने घोषणा-पत्र को बढ़ावा दे रहा है।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने इसके बाद करुणानिधि को मतदान संपन्न होने तक सभी राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने को कहा और यह बताने को कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार शाम तक करुणानिधि से इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने एआईएडीएमके की सूचना प्रौद्योगिकी शाखा की ओर से की गई शिकायत पर यह कार्रवाई की।
एआईएडीएमके ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया...
चुनाव से ही जुड़े एक अन्य मामले में एआईएडीएमके ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया, जबकि डीएमके ने चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त मांगा। आयोग ने दोनों पार्टियों के प्रमुखों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि उन्होंने अपने घोषणापत्रों में जो लोक-लुभावन वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए पैसे कहां से लाएंगे।
सूत्रों ने बताया, "मामला विचाराधीन है..." सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रचार के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश लखोनी की ओर से करुणानिधि को लिखे गए पत्र में कहा गया कि इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में सभी राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण 'मतदान संपन्न होने के दिन से 48 घंटे पहले' बंद हो जाना चाहिए। एआईएडीएमके ने शिकायत की थी कि डीएमके सोशल मीडिया में करुणानिधि के पक्ष में प्रचार कर रहा है और वोटरों के बीच अपने घोषणा-पत्र को बढ़ावा दे रहा है।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने इसके बाद करुणानिधि को मतदान संपन्न होने तक सभी राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने को कहा और यह बताने को कहा कि आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं