राजनीति में ये चेहरा नया है अजय दत्त। कुछ वक्त पहले तक उन्हें कोई जानता नहीं था। लेकिन एमबीए की डिग्री हासिल कर चुके अजय दत्त अब अम्बेडकर नगर के विधायक हैं। आप (एएपी) पार्टी के अजय दत्त ने दो-दो दिग्गजों को धूल चटाई।
पिछले चुनाव में 1958 से लगातार चुनाव जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके, चौ प्रेम सिंह को अशोक चौहान ने एएपी की टोपी पहन कर हराया था, लेकिन इस बार वो पाला बदलकर बीजेपी के उम्मीदवार बने। इस बार अजय दत्त ने एक ही साथ अशोक चौहान को हराया जबकि, चौ प्रेम सिंह की जमानत जब्त करा दी। अजय दत्त कहते हैं कि जनता चाहती थी कि उम्मीदवार उनके बीच का और पढ़ा लिखा हो।
अब बात नारायण दत्त शर्मा की जो पहले बदरपुर में किराने की दुकान चलाते थे, अब बदरपुर से ही एएपी के विधायक हैं, दिल्ली विधानसभा की शुरुआत से ही ये सीट दो नामों से जानी जाती रही। रामवीर सिंह विधूड़ी या फिर राम सिंह नेताजी। यहां से सिर्फ ये दो नाम जीतते रहे चाहे वो किसी पार्टी में हों या ना हों। लेकिन इस बार न नेताजी रहे न विधूड़ी बचे, एएपी की सुनामी सबको बहा ले गई। महरौली और संगम विहार में भी कद्दावर नेता हार गए। दोनों जगह अब एएपी ही एएपी है तो अब काम के दावे भी शुरू हो गए हैं।
संगम विहार से दोबारा आप के विधायक बने दिनेश मोहनियां कह रहे हैं कि अब इलाके से पानी माफिया भाग जाएंगे। वो लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए सारे कदम उठाएंगे। वहीं, महरौली से विधायक बने नरेश यादव कह रहे हैं कि वो इलाके की सारी समस्याओं से वाकिफ हैं और अब जनता ने उन पर जिम्मेदारी दी है तो उसे निभाने का वक्त आ गया है। जाहिर है अब जनता ने अपना काम कर दिया जिसके बाद पार्टी की जिम्मेदारियां शुरू होती हैं।
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