नई दिल्ली:
यूपी का चुनावी दंगल खत्म होने और एक्ज़िट पोल के नतीजे सामने आने के साथ ही सियासी जोड़−तोड़ शुरू हो गई है।
एक्ज़िट पोल के कुछ नतीजों के मुताबिक समाजवादी पार्टी को 185 के आसपास सीटें मिलती हैं तो पाला बदलने के लिए मशहूर अजित सिंह एक बार फिर मुलायम के साथ जा सकते हैं। क्योंकि एक्ज़िट पोल में अजित सिंह की पार्टी आरएलडी को 20 के आसा−पास सीटें मिलने की बात की जा रही है और अगर ऐसा होता है वो सरकार बनाने में उनकी भूमिका अहम हो सकती है। अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं।
सबसे ज़्यादा संभावना कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठजोड़ की है, क्योंकि ज़्यादातर एक्ज़िट पोल में मुलायम की पार्टी को 150 से ज़्यादा सीटें और कांग्रेस को 50 के आसपास सीटें मिलने की बात की गई है। ऐसे में मुलायम कांग्रेस के बिना सरकार नहीं बना पाएंगे। उधर कांग्रेस मुलायम को समर्थन देकर केन्द्र में यूपीए सरकार को और मज़बूत कर सकती है। साथ ही आए दिन ममता बनर्जी की धमकियों से भी उसे डरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
मुलायम सिंह यादव ने बेनी प्रसाद वर्मा के बयान पर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा कि वो चुनाव नतीजे आने की बाद ही इस पर कुछ बोलेंगे। उधर उत्तर प्रदेश में चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रचार की कमान संभालने वाले अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने बूते पर बहुमत हासिल करेगी और ज़्यादा संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की ज़रूरत ना पड़े। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो मुलायम सिंह यादव की मुख्यमंत्री बनेंगे।
यूपी के सत्ता समीकरण में एक तीसरे गठजोड़ को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। वह है बीएसपी और बीजेपी का गठजोड़। एक एक्ज़िट पोल में बीएसपी को 126 और बीजेपी को 79 सीटें मिलने की बात कही गई है। अगर यह सही साबित होता है तो मायावती फिर से मुख्यमंत्री बन सकती हैं। हालांकि बीजेपी विपक्ष में बैठने की बात कर रही है लेकिन देर सबेर वह मायावती को समर्थन देने के लिए तैयार भी हो सकती है। खासकर अगर पंजाब और उत्तराखंड के नतीजे उसके खिलाफ़ गए तो वो हार के झटकों से बचने के लिए मायावती की हाथी पर बैठ सकती है।
एक्ज़िट पोल के कुछ नतीजों के मुताबिक समाजवादी पार्टी को 185 के आसपास सीटें मिलती हैं तो पाला बदलने के लिए मशहूर अजित सिंह एक बार फिर मुलायम के साथ जा सकते हैं। क्योंकि एक्ज़िट पोल में अजित सिंह की पार्टी आरएलडी को 20 के आसा−पास सीटें मिलने की बात की जा रही है और अगर ऐसा होता है वो सरकार बनाने में उनकी भूमिका अहम हो सकती है। अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं।
सबसे ज़्यादा संभावना कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठजोड़ की है, क्योंकि ज़्यादातर एक्ज़िट पोल में मुलायम की पार्टी को 150 से ज़्यादा सीटें और कांग्रेस को 50 के आसपास सीटें मिलने की बात की गई है। ऐसे में मुलायम कांग्रेस के बिना सरकार नहीं बना पाएंगे। उधर कांग्रेस मुलायम को समर्थन देकर केन्द्र में यूपीए सरकार को और मज़बूत कर सकती है। साथ ही आए दिन ममता बनर्जी की धमकियों से भी उसे डरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
मुलायम सिंह यादव ने बेनी प्रसाद वर्मा के बयान पर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा कि वो चुनाव नतीजे आने की बाद ही इस पर कुछ बोलेंगे। उधर उत्तर प्रदेश में चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रचार की कमान संभालने वाले अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने बूते पर बहुमत हासिल करेगी और ज़्यादा संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की ज़रूरत ना पड़े। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो मुलायम सिंह यादव की मुख्यमंत्री बनेंगे।
यूपी के सत्ता समीकरण में एक तीसरे गठजोड़ को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। वह है बीएसपी और बीजेपी का गठजोड़। एक एक्ज़िट पोल में बीएसपी को 126 और बीजेपी को 79 सीटें मिलने की बात कही गई है। अगर यह सही साबित होता है तो मायावती फिर से मुख्यमंत्री बन सकती हैं। हालांकि बीजेपी विपक्ष में बैठने की बात कर रही है लेकिन देर सबेर वह मायावती को समर्थन देने के लिए तैयार भी हो सकती है। खासकर अगर पंजाब और उत्तराखंड के नतीजे उसके खिलाफ़ गए तो वो हार के झटकों से बचने के लिए मायावती की हाथी पर बैठ सकती है।
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