नई दिल्ली:
मुलायम सिंह यादव यूपी की राजनीति में उस समाजवादी धारा की नुमाइंदगी करते हैं जो बीच के दौर में कई बार भटकी। आज वह लैपटॉप और टैबलेट बांटने के वादे कर रही है। वह यूपी के दिग्गज नेता रहे हैं। 1977 में यूपी की सरकार में मंत्री बने नेता विपक्ष भी रहे और तीन−तीन बार मुख्यमंत्री बने।
इस बीच वह केंद्र सरकार में भी रहे और उन्होंने रक्षा मंत्रालय तक संभाला लेकिन केंद्र से ज्यादा यूपी की राजनीति उन्हें खींचती रही है। 2004 में गन्नौर का उपचुनाव उन्होंने एक लाख तिरासी हजार वोटों से जीता जो अब तक किसी विधानसभा चुनाव में जीत का रिकॉर्ड है। फिलहाल वह लोकसभा सदस्य हैं लेकिन यूपी चुनाव पर एक बार फिर उनकी नजर है। कुछ राजनीतिक पंडित उनके आसार बेहतर बता रहे हैं और अगर जनता उनको कमान सौंपती है तो वह भी राज्य और पार्टी की कमान नई पीढ़ी को सौंपने को तैयार दिख रहे हैं।
इस बीच वह केंद्र सरकार में भी रहे और उन्होंने रक्षा मंत्रालय तक संभाला लेकिन केंद्र से ज्यादा यूपी की राजनीति उन्हें खींचती रही है। 2004 में गन्नौर का उपचुनाव उन्होंने एक लाख तिरासी हजार वोटों से जीता जो अब तक किसी विधानसभा चुनाव में जीत का रिकॉर्ड है। फिलहाल वह लोकसभा सदस्य हैं लेकिन यूपी चुनाव पर एक बार फिर उनकी नजर है। कुछ राजनीतिक पंडित उनके आसार बेहतर बता रहे हैं और अगर जनता उनको कमान सौंपती है तो वह भी राज्य और पार्टी की कमान नई पीढ़ी को सौंपने को तैयार दिख रहे हैं।
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