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सलमान खुर्शीद ने चुनाव आयोग के प्रशासनिक नियंत्रण पर अपने एक बयान से उठे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि आयोग और उनके मंत्रालय के बीच कोई ‘टकराव’ नहीं है तथा यह संवैधानिक संस्था पूरी तरह से स्वतंत्र एवं स्वायत्त है।
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काट्जू की पुस्तक ‘जस्टिस विद उर्दू’ के विमोचन के बाद खुर्शीद ने कहा, ‘यह बात पूरी तरह से निराधार है कि कानून मंत्रालय चुनाव आयोग की कामकाजी प्रक्रिया में किसी तरह का दखल दे रहा है। ये बातें मनगढ़ंत हैं और इन्हें मीडिया ने तूल दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र और स्वायत्त है। उसकी स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता। हां, कुछ निश्चित दायरा होता है, जिसमें मंत्रालय अथवा अन्य विभागों को भी काम करना होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आयोग के काम में कोई दखल दे रहा है।’
मंत्रालय और चुनाव आयोग के बीच कथित टकराव के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, ‘इसमें कोई सच्चाई नहीं है। कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग के बीच टकराव का सवाल ही नहीं उठता। दोनों के बीच टकराव के लिए कोई स्थान नहीं है।’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल आयोग को आश्वस्त किया था कि संविधान की ओर से इस संस्था की कामकाजी स्वायत्तता की गारंटी बनायी रखी जायेगी और सरकार उसकी संवैधानिक स्थिति एवं कामकाज की स्वायत्तता का सम्मान करती है।
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