कानपुर:
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला तो संवैधनिक प्रक्रिया के तहत उन्हें राज्य में राष्ट्रपति शासन की संभावना दिखाई देती है। उनके इस बयान को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया, जिससे जायसवाल को बाद में सफाई देने पर मजबूर होना पड़ा।
कानपुर के सांसद जायसवाल ने वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वह सरकार बनाएगी। अगर हमें स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो हम विपक्ष में बैठेंगे और मुझे राष्ट्रपति शासन के अलावा और कोई विकल्प नजर नहीं आता।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘जिन लोगों में विश्वास की कमी होती है वह गठबंधन की बात करते हैं। कांग्रेस कोई गठबंधन नहीं करेगी।’’ लेकिन दिल्ली पहुंचने के फौरन बाद वह अपने बयान से पीछे हटते नजर आए और उन्होंने कहा कि संवाददाताओं ने उनके बयान को ‘‘तोड़ मरोड़कर’’ पेश किया है। जायसवाल ने कहा, ‘‘हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश में हम स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे और कोई ऐसा होने से रोक नहीं सकता।’’ उन्होंने दावा किया कि कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि अगर कोई भी पार्टी राज्य में सरकार बनाने में सफल नहीं हुई तो ऐसी हालत में संवैधानिक प्रावधान क्या होंगे। जायसवाल ने स्पष्ट किया, ‘‘मैंने उन्हें वह बताया था, जिसका संविधान में उल्लेख है। वह यह है कि ऐसी हालत में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।’’ जायसवाल ने दावा किया कि अगर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाता तो राज्यपाल सबसे बड़े दल के रूप में उसे सरकार बनाने का न्यौता देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पास 10 या 5 सीटों की कमी होगी तो निर्दलीय एवं छोटे मोटे दल खुद ही अपना समर्थन दे देंगे।’’
जायसवाल ने कहा कि मतदान के विभिन्न चरणों में जो 15 प्रतिशत ‘‘अतिरिक्त वोट’’ पड़ रहे हैं वह कांग्रेस और राहुल गांधी के पक्ष में हैं। कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘युवक वोट डालने आ रहे हैं क्योंकि वह पिछले 22 वर्ष में अन्य पार्टियों का शासन देख चुके हैं। राहुल मतदाताओं को आकर्षित कर रहे हैं। जायसवाल के बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी की तेजतर्रार नेता उमा भारती ने इसे ‘‘अलोकतांत्रिक और मतदाताओं के लिए धमकी’’ करार दिया। वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने चरखारी में कहा, ‘‘कांग्रेस की इस धमकी पर कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देगी, मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं करना चाहिए क्योंकि पार्टी को उनके वोट के महत्व का एहसास नहीं है।’’ उमा ने कहा कि इस तरह का बयान ‘‘अलोकतांत्रिक’’ है और यह बयान न होकर धमकी है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ यह सामंती मानसिकता का संकेत है। कांग्रेस को लोकतंत्र में भरोसा नहीं है इसलिए वह ऐसा कह रही है।’’
कानपुर के सांसद जायसवाल ने वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वह सरकार बनाएगी। अगर हमें स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो हम विपक्ष में बैठेंगे और मुझे राष्ट्रपति शासन के अलावा और कोई विकल्प नजर नहीं आता।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘जिन लोगों में विश्वास की कमी होती है वह गठबंधन की बात करते हैं। कांग्रेस कोई गठबंधन नहीं करेगी।’’ लेकिन दिल्ली पहुंचने के फौरन बाद वह अपने बयान से पीछे हटते नजर आए और उन्होंने कहा कि संवाददाताओं ने उनके बयान को ‘‘तोड़ मरोड़कर’’ पेश किया है। जायसवाल ने कहा, ‘‘हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश में हम स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे और कोई ऐसा होने से रोक नहीं सकता।’’ उन्होंने दावा किया कि कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि अगर कोई भी पार्टी राज्य में सरकार बनाने में सफल नहीं हुई तो ऐसी हालत में संवैधानिक प्रावधान क्या होंगे। जायसवाल ने स्पष्ट किया, ‘‘मैंने उन्हें वह बताया था, जिसका संविधान में उल्लेख है। वह यह है कि ऐसी हालत में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।’’ जायसवाल ने दावा किया कि अगर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाता तो राज्यपाल सबसे बड़े दल के रूप में उसे सरकार बनाने का न्यौता देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पास 10 या 5 सीटों की कमी होगी तो निर्दलीय एवं छोटे मोटे दल खुद ही अपना समर्थन दे देंगे।’’
जायसवाल ने कहा कि मतदान के विभिन्न चरणों में जो 15 प्रतिशत ‘‘अतिरिक्त वोट’’ पड़ रहे हैं वह कांग्रेस और राहुल गांधी के पक्ष में हैं। कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘युवक वोट डालने आ रहे हैं क्योंकि वह पिछले 22 वर्ष में अन्य पार्टियों का शासन देख चुके हैं। राहुल मतदाताओं को आकर्षित कर रहे हैं। जायसवाल के बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी की तेजतर्रार नेता उमा भारती ने इसे ‘‘अलोकतांत्रिक और मतदाताओं के लिए धमकी’’ करार दिया। वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने चरखारी में कहा, ‘‘कांग्रेस की इस धमकी पर कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देगी, मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं करना चाहिए क्योंकि पार्टी को उनके वोट के महत्व का एहसास नहीं है।’’ उमा ने कहा कि इस तरह का बयान ‘‘अलोकतांत्रिक’’ है और यह बयान न होकर धमकी है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ यह सामंती मानसिकता का संकेत है। कांग्रेस को लोकतंत्र में भरोसा नहीं है इसलिए वह ऐसा कह रही है।’’
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