कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि विकास को लेकर उसके वायदे खोखले साबित हुए हैं। भूख इस राज्य की सबसे बड़ी समस्या है और इसीलिए यूपीए की केन्द्र सरकार खाद्य बिल को लागू किया है।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा बिल के पास होने के समय मां (सोनिया गांधी) की तबीयत खराब थी, लेकिन उसके बावजूद वह सदन में खड़ी रहीं, जबकि मैंने उन्हें मना किया। दरअसल, वह बिल पर वोट करना चाहती थीं। उनका कहना था कि इस बिल के लिए उन्होंने सालों लड़ाई लड़ी है। यही नहीं अस्पताल जाते समय मां की आंखों में आंसू थे। मां को वोट नहीं डाल पाने का अफसोस था।
यहां से लगभग 18 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल लालपुर में आज कांग्रेस की ‘सत्ता परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘ये लोग विकास की बात करते हैं। लेकिन मेरी नजर में आदिवासियों की इज्जत सबसे बड़ी बात है और यह राजनीति की बात नहीं है। इस प्रदेश में विकास को लेकर सरकार के सभी वायदे खोखले साबित हुए हैं।’’ प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें मध्य प्रदेश को बदलना है, यह प्रदेश अटका हुआ है। इसे आगे ले जाना आपके हाथ में है।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों का उनसे पारिवारिक रिश्ता है, राजनीतिक नहीं। हमारा आपस में प्यार और दिल का रिश्ता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने वायदा किया कि यहां कांग्रेस की सरकार आएगी, तो आपकी इज्जत करेगी। कांग्रेस की सरकार होगी और वह आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं, गरीबों और दलित की इज्जत करेगी, जो ऐसा नहीं करेगा, तो उसे हम देखेंगे।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह आम आदमी, आदिवासियों, गरीबों और दलित को संसद, विधानसभाओं और पंचायतों में नहीं देखना चाहती। इससे देश का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में आदिवासियों की संख्या बहुत कम है और यह इस देश में बहुत बड़ी कमी है। हम आने वाले समय में इसे बदलना चाहते हैं, जब तक आदिवासियों की आवाज लोकसभा और विधानसभाओं में नहीं पहुंचेगी, तब तक आपकी तस्वीर नहीं बदलेगी।
गांधी ने आमसभा में मौजूद आदिवासियों से पूछा कि क्या प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार ने आपकी इज्जत की है। यहां तो केवल भ्रष्टाचार हुआ है, बलात्कार हुआ है और यहां भूख का बोलबाला है। उन्होंने यूनीसेफ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, मध्यप्रदेश में भूख की स्थिति अफ्रीका जैसी है। जब कोई भूखा रहता है, तो विकास की बात तो शुरू ही नहीं होती है। भाजपा सरकार के विकास का पैमाना सड़कें हैं, एक तरफ सड़क बना दो और दूसरी ओर आदिवासी को खड़ा कर वहां से चमकती हुई गाड़ियां निकालो। क्या यही इनका विकास है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि वह नए प्रकार की राजनीति करना चाहते हैं, जिसमें नेता, आम आदमी के पास जाए, उसके साथ खाना खाए। आम आदमी लोकसभा और विधानसभाओं में दिखे और देश-प्रदेश के विकास का सपना पूरा करे।
उन्होंने आंकड़ों की बात करते हुए कहा कि राजग की पूर्व सरकार के कार्यकाल में देश में 2650 किलोमीटर सड़कें बनाई गई और संप्रग सरकार के पांच साल में 9570 किलोमीटर सड़के बनीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस क्षेत्र में आकर विरसिंहपुर, चचई आदि में 1350 मेगावाट बिजली देने वाली परियोजनाओं की बात की, लेकिन क्या आपको बिजली मिली, यहां तो काम ही शुरू नहीं हुआ।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में राहुल ने कहा कि बीजेपी की सरकार भूखों की और बेरोजगारों की बात नहीं करती। शिवराज सरकार ने एक लाख करोड़ के एमएयू साइन किए हैं, लेकिन रोजगार किसी को नहीं मिला। मध्य प्रदेश का युवा पूछ रहा है कि आखिर उन्हें रोजगार कब मिलेगा?
राहुल ने कहा कि बीजेपी सरकार सड़कों की बात करती है, जनता की नहीं। और अगर सड़कों की बात करें तो बता दें कि यूपीए ने एनडीए से तीन गुना सड़कें बनवाई हैं।
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल बोले, मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार की यूनिवर्सिटी है। ये वही हैं, जो संसद में भूमि अधिग्रहण और खाद्य बिल रोकते हैं। राहुल ने कहा कि खाद्य बिल कांग्रेस ही लाई है। हम मध्य प्रदेश में भी आम आदमी की सरकार लाना चाहते हैं।
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