मिजोरम विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। चार राज्यों में हार झेल चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए यह जीत 'संजीवनी' की तरह होगी। 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 28 सीटें जीत ली है और दो पर आगे चल रही है।
मुख्यमंत्री ललथनहावला (71) रिकार्ड नौंवी बार चुनाव जीतने में सफल रहे। वह दो सीटों पर उम्मीदवार थे और दोनों ही सीटें जीत ली हैं। इनमें सरछिप और हरंग्टुजरे सीट शामिल है।
मिजोरम में निवर्तमान विधानसभा में कांग्रेस की 32 सीटें हैं। प्रदेश की सीमाएं म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा से जुड़ती है। कांग्रेस यहां पांचवीं बार सत्ता में आई है।
भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री ललथनहावला ने कहा, "लोगों ने हमारी सरकार की सफलता को देखते हुए वोट दिया है।"
ललथनहावला ने इस जनजातीय और ईसाई बहुल राज्य में कांग्रेस का आधार मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पार्टी की भारी जीत को देखते हुए कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया।
उधर, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने चार सीट पर जीत दर्ज की है और एक पर बढ़त बनाए हुए है। एमएनएफ तीन पार्टियों के गठबंधन मिजोरम डेमोक्रेटिक एलांयस (एमडीए) का नेतृत्व कर रही है।
मिजोरम के संयुक्त प्रमुख निर्वाचन अधिकारी एच. लेलंगामाविया ने बताया, "सुबह आठ बजे से राज्य के आठ जिला मुख्यालयों में मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है।"
एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, "दक्षिणी तुईपुई सीट पर कांग्रेस विधायक जॉन सियामकुंगा ने जेडएनपी (जोरम नेशनलिस्ट पार्टी) के उम्मीदवार जे. ललछौना को 1,568 वोट से हराया है।"
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एस. लालदिंगलियाना ने लुंगलेई दक्षिण सीट से एमएनएफ के उम्मीदवार के. पछुंगा को महज 450 वोट से मात दी है।
40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को कराए गए मतदान में राज्य के 81 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
मतगणना में 142 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा, इनमें छह महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन एमडीए के बीच है। एमडीए में एमएनएफ, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस (एमपीसी) और मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एमडीएफ) शामिल हैं।
एमएनएफ 31, एमपीसी आठ और एमडीएफ सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 17, जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) के 38 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं।
40 में 39 सीट जनजातीय उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं जबकि सिर्फ एक सामान्य वर्ग की सीट है।
त्रिपुरा में शरण लेने वाले रेयांग जनजातीय शरणार्थियों ने डाक के जरिए मतदान किया।
2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 32, एमएनएफ को तीन और एडीसी को एक जबकि एमपीसी और जेडएनपी को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
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