छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे एवं अंतिम चरण में मंगलवार को 19 जिलों के 72 निर्वाचन क्षेत्रों में 74.65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी के साथ मतदाताओं ने 843 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया। साजा विधानसभा क्षेत्र में गोली चलने से एक ग्रामीण की मौत हो गई।
इसके साथ ही एक दशक से प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार का भाग्य भी ईवीएम मशीनों में कैद हो गया। रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार इस बार अपनी तीसरी जीत पर नजर बनाए हुए।
छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील कुजूर ने बताया, "19 जिलों के 72 निर्वाचन क्षेत्रों में अब तक मतदान शांतिपूर्ण रहा और शाम पांच बजे तक के आंकड़े के अनुसार 74.65 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अंतिम आंकड़े के आने पर कुछ बढ़ सकता है।"
कुछ तकनीकी कारणों के चलते करीब 10 मतदान केंद्रों की ईवीएम मशीनों को बदलना पड़ा।
राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री रमन सिंह, राज्य विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रवींद्र चौबे ने अपने-अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान किया।
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के भेंडरवानी मतदान केंद्र पर सीआरपीएफ के एक जवान द्वारा की गई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया।
प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस चरण में 72 सीटों के लिए मतदान हुआ। पहले चरण में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की 18 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान हुआ था।
छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के बीच है। भाजपा जहां वर्ष 2003 से सत्ता पर काबिज है वहीं कांग्रेस ने वर्ष 2000 में प्रदेश गठन के बाद तीन वर्षो तक सत्ता संभाली थी।
दूसरे चरण में मतदान की शुरुआत तेज रही और दोपहर 12 बजे तक लगभग 30 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। यहां 1.39 करोड़ मतदाताओं में 68.30 लाख महिलाएं शामिल हैं। मतदाताओं के लिए 18,015 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस चरण में 843 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों में 75 महिलाएं हैं।
मारवही सहित कुछ विधानसभा सीटों पर मंगलवार सुबह भारी मतदान हुआ। कांग्रेस नेता अजित जोगी के बेटे अमित जोगी मारवही सीट से भाग्य आजमा रहे हैं और यहां दोपहर तक 40 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया।
दूसरे एवं अंतिम चरण के मतदान के दौरान राज्य के दुर्ग सिटी और बिलासपुर विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़प हुई।
निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था के साथ-साथ 3,000 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे। राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए करीब एक लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।
महासमुंद जिले के सराईपाली सीट से जहां सिर्फ पांच उम्मीदवार हैं वहीं रायपुर दक्षिण सीट से 38 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। यहां से भाजपा के कद्दावर नेता और लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं।
चुनावी आंकड़े के मुताबिक, 19 जिलों में मौजूद 72 में से 17 सीटें अनुसूचित जनजातियों और नौ अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं।
गोलीबारी में एक की मौत :
बेमेतरा जिले में एक व्यक्ति की मौत पर राज्य के पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने रायपुर में संवाददाताओं को बताया कि दो-तीन व्यक्ति शराब के नशे में भेंडरवानी गांव में स्थित एक मतदान केंद्र पर पहुंचे और वहां तैनात पुलिसकर्मियों से उनकी गरमागरम बहस होने लगी।
रामनिवास ने बताया, "प्रारंभिक खबरों के अनुसार, मतदान में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे लोगों पर वहां तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान ने गोलीबारी कर दी। जिसमें एक व्यक्ति की घटनास्थल पर मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।"
रामनिवास ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दे दिए गए हैं। रामनिवास ने कहा कि गोलीबारी के कारण मतदान केंद्र पर लगभग 20 मिनट के लिए मतदान बाधित रहा।
शाजा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से विपक्ष के नेता रविंद्र चौबे उम्मीदवार हैं। घटनास्थल राजधानी रायपुर से पश्चिम लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
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