विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस हर साल 15 जून को मनाया जाता है. यह दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2011 में बुजुर्ग व्यक्तियों द्वारा सहन किए गए दुर्व्यवहार, भेदभाव और उपेक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया था. बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एक महत्वपूर्ण वैश्विक समस्या बनी हुई है, जो दुनिया भर के लाखों वृद्ध वयस्कों के स्वास्थ्य और मानवाधिकारों को प्रभावित करता है. यह एक ऐसा मुद्दा है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ध्यान देने योग्य है.
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस का इतिहास
वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे, हर साल 15 जून को मनाया जाता है, जो 2006 में इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज (INPEA) द्वारा शुरू किया गया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2011 में इस दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी. यह दिवस बुजुर्गों के अधिकारों और उनके साथ हुए या हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने के महत्व पर ध्यान आकर्षित करता है. इस पहल का उद्देश्य वृद्ध लोगों के साथ बढ़ते दुर्व्यवहार के मुद्दे पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करता है, इसके साथ ही वकालत और सहयोग के लिए एक मंच में तैयार करता है.
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस का महत्व
बुजुर्ग दुर्व्यवहार एक ऐसी समस्या है, जो विकासशील और विकसित दोनों देशों में मौजूद है, फिर भी विश्व स्तर पर आमतौर पर इसे कम करके आंका जाता है. 1 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत तक प्रसार दर या अनुमान केवल चयनित विकसित देशों में मौजूद हैं. हालांकि, बुजुर्ग दुर्व्यवहार की सीमा अज्ञात है, इसका सामाजिक और नैतिक महत्व स्पष्ट है. इस प्रकार यह वैश्विक बहुमुखी प्रतिक्रिया की मांग करता है, जो वृद्ध व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित है.
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2023 की थीम
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2023 के लिए थीम क्लोजिंग द सर्कल (Closing the Circle):एड्रेसिंग जेंडर-बेस्ड वॉयलेंस (जीबीवी) इन ओल्ड एज- पॉलिसी, लॉ एंड एविडेंस-बेस्ड रिस्पॉन्सेस (Addressing Gender-Based Violence (GBV) in Older Age Policy) के रूप में नामित किया है. यह विषय विशेष रूप से वृद्ध लोगों के अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करते हिंसा और बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के प्रतिच्छेदन को रेखांकित करता है. आसान शब्दों में समझे तो इसका अर्थ बुजुर्गों के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाना है.
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