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15 June World History

'15 June World History' - 2 News Result(s)
  • जानें विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2023 के दिन का इतिहास और महत्व

    जानें विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2023 के दिन का इतिहास और महत्व

    विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस हर साल 15 जून को मनाया जाता है. यह एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है, जिसे वृद्ध वयस्कों के साथ दुर्व्यवहार और उपेक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

  • 15 June History: भारत के इतिहास की दुखद घटना, आज ही के दिन कांग्रेस ने अंग्रेजों के भारत के बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकारा था

    15 June History: भारत के इतिहास की दुखद घटना, आज ही के दिन कांग्रेस ने अंग्रेजों के भारत के बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकारा था

    देश के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है. यह सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. रातोरात लोगों की तकदीर बदल गई. कोई बेघर हुआ तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला. किसी का भाई सीमापार चला गया तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया. एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदायों के लोग हमसाए से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनो समुदायों के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी, जिसे पाटने की कोई कोशिश आज तक कामयाब नहीं हो पा रही है. बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला यह जख्म दे गए.

'15 June World History' - 2 News Result(s)
  • जानें विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2023 के दिन का इतिहास और महत्व

    जानें विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2023 के दिन का इतिहास और महत्व

    विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस हर साल 15 जून को मनाया जाता है. यह एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है, जिसे वृद्ध वयस्कों के साथ दुर्व्यवहार और उपेक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

  • 15 June History: भारत के इतिहास की दुखद घटना, आज ही के दिन कांग्रेस ने अंग्रेजों के भारत के बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकारा था

    15 June History: भारत के इतिहास की दुखद घटना, आज ही के दिन कांग्रेस ने अंग्रेजों के भारत के बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकारा था

    देश के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है. यह सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. रातोरात लोगों की तकदीर बदल गई. कोई बेघर हुआ तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला. किसी का भाई सीमापार चला गया तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया. एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदायों के लोग हमसाए से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनो समुदायों के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी, जिसे पाटने की कोई कोशिश आज तक कामयाब नहीं हो पा रही है. बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला यह जख्म दे गए.