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This Article is From Jun 10, 2022

एक बाल्टी पानी के लिए हर रोज़ अपनी जान को खतरे में डालती हैं इस गांव की महिलाएं, देखें दिल दहला देने वाला ये Video

वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में एक-एक बाल्टी पानी लेने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर कुएं के किनारे पड़ खड़ी हैं.

एक बाल्टी पानी के लिए हर रोज़ अपनी जान को खतरे में डालती हैं इस गांव की महिलाएं, देखें दिल दहला देने वाला ये Video
एक बाल्टी पानी के लिए हर रोज़ अपनी जान को खतरे में डालती हैं इस गांव की महिलाएं

देश कितना आगे बढ़ गया है, कई मायने में देश दूसरे देशों से आगे भी निकल रहा है, लेकिन इसके बावजूद हमारे देश में आज भी बहुत से गांव ऐसे हैं जहां के लोगों को एक बाल्टी पानी तक के लिए हर रोज़ अपनी जान को जोखिम में डालना पड़ता है. महाराष्ट्र (Maharashtra) से एक खतरनाक वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर आपका दिल दहल जाएगा. ये वीडियो हमें हमारे भविष्य यानि आने वाले कल की एक झलक साबित हो सकता है. कहने का मतलब ये है, वीडियो को देखने के बाद आप भी ये समझ लीजिए कि आने कल में हम सबका भी ऐसा ही हाल हो सकता है. वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में एक-एक बाल्टी पानी लेने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर कुएं के किनारे पड़ खड़ी हैं.

इस वीडियो को न्यूज एजेंसी एएनआई ने शेयर किया है. वीडियो महाराष्ट्र के खाडियल गांव (Khadial village) का है, जो मेलघाट (Melghat) में है. यहां लोग खासतौर पर गांव की महिलाएं एक-एक बाल्टी पानी के लिए हर रोज़ अपनी जान को जोखिम में डालती है. गांववालों ने बताया, कि गांव में सिर्फ दो ही कुएं हैं और दोनों ही सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं. 1500 लोगों की आबादी वाले इस गांव के लोग पानी के लिए इन्हीं कुओं पर निर्भर हैं. गांव में केवल 2-3 पानी के टैंकर ही आते हैं और उन्हीं से लोगों को अपना गुजारा करना पड़ता है.

देखें Video:

गांववालों ने बताया, कि टैंकर के पानी को कुओं में डाल दिया जाता है. इसके बाद लोग अपनी जान को मुसीबत में डालकर पानी निकालते हैं. सबसे बड़ी मुश्किल है, पानी को इतनी भीड़ के बीच से लेकर आना. इतना ही नहीं, इसके बाद उन्हें पानी को साफ भी करना होता है. उसमें से मिट्टी अलग करनी पड़ती है, फिर जाकर वो पानी पीने लायक होता है.

ट्विटर पर जब लोगों ने इस वीडियो और गांव में पानी की ऐसी किल्लत से जूझते लोगों को देखा तो उन्हें गुस्सा आ गया. कुछ ने सरकार को कोसा, तो वहीं कुछ ने कहा, कि इसकी वजह अत्याधिक विकास है, कुछ ने कहा कि विकास बस सीमित होकर रह गया है. लोगों ने तो यहां तक कहा, कि 21वीं सदी में भी पानी ना मिलना दिखाता है कि हम कहां हैं.

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