बेंगलुरु की पूर्णिमा प्रभु ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक घटना शेयर की है. उनकी ये पोस्ट काफी वायरल हो रही है जिसके कारण ये घटना काफी चर्चा में है. उन्होंने अपने पोस्ट में बताया है कि कैसे उनकी बेटी ने साहस दिखाते हुए सड़क पर उसे परेशान कर रहे दो युवकों का सामना किया. ये घटना उनके घर से सिर्फ 800 मीटर की दूरी पर हुई.
प्रभु ने बताया कि उनकी बेटी, जो करीब 20 साल की है, सड़क पार करने के लिए इंतजार कर रही थी. तभी बाइक पर आए दो लड़के उसे परेशान करने लगे. प्रभु ने लिखा, "उसका पहला रिएक्शन था कि वो वहां से चली जाए, लेकिन फिर उसने फैसला किया कि वह चुप नहीं रहेगी. उसने जोर से चिल्लाना शुरू किया उनकी तरफ दौड़ी, जिससे वे घबराकर तेजी से भाग गए".
अपनी बेटी के इस कदम की तारीफ करते हुए प्रभु ने आगे लिखा, "मैं उस पर बहुत गर्व महसूस कर रही हूं क्योंकि उसकी उम्र में मैं बस सिर झुका कर चुपचाप वहां से निकल जाती थी. यह घटना एक ऐसी जगह पर हुई जहां ज्यादातर लोग उसे जानते थे, और यही बात उसे चुभ गई. उसने सोचा, 'अगर मैं यहां भी बेफिक्री से नहीं चल सकती, तो फिर कहां चल सकूंगी?' जहां ये घटना हुई वहां बहुत सारे लोग मौजूद थे." इसके बाद एक और पोस्ट में प्रभु ने बताया कि उनकी बेटी ने लॉन्ग-स्लीव टी-शर्ट और एंकल-लेंथ ट्राउजर्स पहन रखे थे, जिससे किसी तरह की जजमेंट की गुंजाइश न रहे. उन्होंने दूसरी महिलाओं से अपील की कि वे भी ऐसी परिस्थितियों में चुप न रहें और आवाज उठाएं.
Last week my 20+ daughter,was waiting to cross the road..about 800m from our home in #Bengaluru when 2 boys on a bike heckled her.Her 1st reaction was to walk away but then decided to take action.She shouted at them n ran towards them.They took off on the bike as if devil was 1/2
— Poornima Prabhu (@reader_wanderer) November 4, 2024
यूजर्स ने शेयर किया एक्सपीरियंस
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस घटना पर रिएक्ट किया और उनकी बेटी की हिम्मत की तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, "मैंने भी 80 के दशक में ऐसा किया है. बसों में परेशान करने वालों को किक और पंच मारे हैं.. उस वक्त शायद हम थोड़े ज्यादा बोल्ड थे या उस समय रिएक्शन के नतीजे ऐसे नहीं होते थे. बेटी को सही तरीके से गाइड करने के लिए शुक्रिया!" एक और यूजर ने कमेंट किया, "बहुत बढ़िया, लेकिन ये काफी रिस्की भी हो सकता था. हो सकता है कि वो बदला लेने की कोशिश करते. मेरे साथ दिवाली पर ऐसा हुआ जब नशे में धुत कुछ लोग गाड़ी में सवार होकर हमें परेशान कर रहे थे. ऐसे हालात में खुद को सुरक्षित रखना भी जरूरी है." तीसरे यूजर ने लिखा, "बिलकुल सही कहा मैम! चुप रहकर कुछ नहीं होता, हमें ऐसे हालात में अपने नेचुरल रिएक्शन को एक्सप्रेस करना चाहिए. आपकी बेटी को सलाम."
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