अगर आपको लगता है कि सिर्फ अनजान व्यक्ति ही आपको धोखा दे सकता है तो आपको दोबारा सोचने की जरुरत है. कई लोगों के साथ तो उनके पारिवारिक सदस्यों ने ही साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) की है. यहां एक महिला ने चुपके से अपने पति के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और ई-वॉलेट अकाउंट (E-Wallet) से 25,000 रुपये में गोवा की 10 दिन हॉलिडे ट्रिप (Holiday Trip) ले ली.
पॉश इलाके गोमतीनगर में महिला ने अपने पति से कबूल किया कि उसने एक कॉन्टेस्ट में पेड वेकेशन जीता है.
उसके रियल एस्टेट डीलर पति को अपने बैंक खातों से रुपये कम होने की कोई जानकारी नहीं थी, जब तक वह सामान्य तौर पर अपनी पासबुक अपडेट कराने बैंक नहीं गया.
जब उसे पता चला कि उसके रुपये गायब हैं तो उसे लगा कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया है और अगस्त के अंत में उसने थाने में मामला दर्ज करा दिया.
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पीड़ित की पत्नी ने चालाकी से उसके फोन से बैंक लेन-देन का अलर्ट हटा दिया था, जिससे उसके गोवा से लौटने तक उसके पति को इस बारे में कुछ पता ना चले. इसके बाद पुलिस की जांच की सुई उसकी पत्नी की तरफ चली गई.
जुलाई में एक अन्य मामले में 12 वर्षीय एक छात्र ने अपने पिता के सेविंग खाते से ई-वैलेट के माध्यम से 11,000 रुपये निकाल लिए. उसने यह रकम एक ऑनलाइन गेम डाउनलोड कर उसे खेल कर बड़ी इनामी राशि जीतने के लिए निकाली थी.
एक सप्ताह पहले हुए ऐसे ही एक अन्य मामले में आठ वर्षीय एक बच्चे ने अपने पिता के बैंक खाते से 35,000 रुपये निकाल लिए थे.
लखनऊ पुलिस साइबर सेल के अनुसार, उनके पास ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रतिदिन तीन से चार मामले आते हैं.
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साइबर सेल के नोडल अधिकारी अभय मिश्रा ने पुष्टि करते हुए कहा कि पारिवारिक सदस्यों द्वारा डिजिटल खातों की जानकारी चुराने के दो ताजे मामले आए हैं।
अधिकारी ने कहा, "रियल एस्टेट डीलर के क्रेडिट कार्ड और फोन नंबर उनके ई-वैलेट से लिंक थे. वे अपना कार्ड हमेशा घर पर रखते थे और सिर्फ उनकी पत्नी उसका उपयोग कर सकती थी. जांच के दौरान हमने पाया कि गोवा हॉलिडे का भुगतान ई-वैलेट के माध्यम से करने के लिए उनके (पीड़ित) के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया था. पूछताछ करने पर उनकी पत्नी ने स्वीकार किया कि उसने ऐसा किया और बैंक से जाकर एसएमएस अलर्ट हटा दिया था."
गोमतीनगर से ही आए दूसरे मामले में एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा छह का एक छात्र रूमी एक ऑनलाइन गेम (Online Game) का आदी था. गेम में विजेता को दो लाख रुपये का पुरस्कार देने का वादा किया गया था.
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लड़के ने अपने प्रिंसिपल पिता के खाते से 11,000 रुपये चुरा लिए, लेकिन रुपये हारने के बाद उसने गेम डिलीट कर दिया.
अधिकारी ने कहा, "शिक्षक ने जुलाई में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में भी ई-वैलेट का उपयोग हुआ था. हमने शिकायतकर्ता के दोनों बेटों, पत्नी और मां से भी पूछताछ की. शिक्षक के फोन की जांच करने पर पता चला कि उसमें गेम डाउनलोड किया गया था और बाद में अनस्टॉल कर दिया गया. हमने देखा कि उनका सिर्फ एक बेटा गेम खेलना जानता था. पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया."
साइबर सेल के नोडल अधिकारी ने बाद में कहा कि दोनों परिवारों ने यह जानने के बाद कि रुपये चुराने के पीछे उनके परिवार के सदस्य ही हैं, अपनी शिकायत वापस ले ली.
VIDEO: ऑनलाइन फ्रॉड का एक तरीका ये भी...
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं