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This Article is From Jul 07, 2019

2011 के विश्वकप के फाइनल में आखिर किसकी सलाह पर महेंद्र सिंह धोनी उतरे थे चौथे नंबर पर

टीम इंडिया सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा जैसे सितारों से सजी थी और उसके कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी. आस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर टीम इंडिया श्रीलंका खिलाफ फाइनल खेलने उतरी थी. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 274 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था जिसमें महेला जयवर्धने नाबाद शतक लगाया.

2011 के विश्वकप के फाइनल में आखिर किसकी सलाह पर महेंद्र सिंह धोनी उतरे थे चौथे नंबर पर
नई दिल्ली:

साल 2011 में टीम इंडिया ने जिस खिलाड़ी की अगुवाई में विश्वकप जीता था आज उसका जन्मदिन है....हम बात कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी की. धोनी माने एक ऐसा खिलाड़ी जिसके बारे में उनके फैन्स कहते हैं कि अगर वह पत्थर पर ही हाथ रख दे तो वह सोना हो जाता है. कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी ने जब टीम इंडिया में शामिल होकर अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी तो उनके खेलने का अंदाज बेहद अलग था. वह बहुत ज्यादा आक्रामक बल्लेबाजी करते थे और चौकों-छक्कों की बरसात कर देते थे. धोनी की बल्लेबाजी परंपरागत बल्लेबाजों से एकदम अलग है और वह क्रिकेट की किताब में लिखे शॉट कम अपने ईजाद की हुई तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं. श्रीलंका के खिलाफ जब उन्होंने 183 रनों की पारी खेली तो ऐसा लगा कि इस बल्लेबाज के आगे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी भी बेकार है. उन्होंने इस मैच में चमिंडा वास जैसे गेंदबाज की जमकर पिटाई की थी. उनकी क्षमता को देखते हुए सौरव गांगुली के बाद उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी सौंप दी गई और उनकी अगुवाई में टीम ने 2007 का टी-20 विश्वकप चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराकर जीत लिया. इसके बाद तो धोनी क्रिकेट जगत के सबसे बड़े सितारे बनते चले गए. हालांकि कप्तानी के बाद उनकी बल्लेबाजी में बदलाव आ गया और वह धुआंधार खेलने के बजाए संभलकर मैच जिताऊ पारियां खेलने लगे. कप्तान के रूप में जो भी फैसला लेते वह मैदान में सही साबित होता. धोनी एक के बाद एक टूर्नामेंट जीतते चले गए. फिर साल 2011 में क्रिकेट विश्वकप आया. 

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टीम इंडिया सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा जैसे सितारों से सजी थी और उसके कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी. आस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर टीम इंडिया श्रीलंका खिलाफ फाइनल खेलने उतरी थी. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 274 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था जिसमें महेला जयवर्धने नाबाद शतक लगाया.

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लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने पहले वीरेंद्र सहवाग और फिर सचिन का तेंदुलकर का विकेट खो दिया....पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया...ऐसा लगा 28 सालों बाद विश्वकप जीतने का सपना अधूरा रह जाएगा....इसी बीच गौतम गंभीर और विराट कोहली मैदान में थे...दोनों श्रीलंकाई गेंदबाजों का सामना कर रहे थे....दुनिया भर में करोड़ों लोग टीवी के आगे चिपके थे...तभी एक और विकेट गिर गया....विराट कोहली आउट हो गए.....इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने किया चौंका देने वाला फैसला युवराज को भेजने के बजाए महेंद्र सिंह धोनी ने खुद बल्ला संभाला और मैदान में उतर गए....एक बार तो यह लगा कि धोनी ने यह गलत फैसला कर लिया क्योंकि युवराज सिंह फुलफॉर्म में थे और कई मैच टूर्नामेंट में जीता चुके थे. लेकिन धोनी ने फैसले को गलत नहीं साबित होने दिया और 91 रनों की पारी खेली. इसके बाद छक्का मारकर टीम इंडिया को विश्वकप जिता दिया. इस मैच में गौतम गंभीर ने भी 97 रनों की पारी खेली थी.

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मैच के बाद कई लोगों के मन में यही सवाल था कि आखिक चौथे नंबर पर उतरने का फैसला किसका धोनी का था या फिर उनको किसी ने सलाह दी थी. इस बात का खुलासा वीरेंद्र सहवाग ने शनिवार को टीम इंडिया और श्रीलंका के अंतिम लीग मैच की कमेंट्री दौरान किया. उन्होंने बताया कि यह सलाह सचिन तेंदुलकर ने दी थी. तेंदुलकर उनसे कहा कि अगर लेफ्ट हैंड बल्लेबाज हो तो उसकी लेफ्ट हैंड वाला या राइट हैंड बल्लेबाज आउट हो तो उसकी जगह राइट हैंड वाला बल्लेबाज जाए. सहवाग ने कहा कि मैंने तेंदुलकर से कहा यह बात आप ही बोलिए...फिर मैंने उनको कहने पर कोच गौरी कस्टर्न को यह बताई और फिर धोनी भी यह बात मान गए. नतीजा सबके सामने था.

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