वॉशिंगटन:
एक नए अध्ययन के मुताबिक ब्रह्मांड में करीब 92 फीसदी ऐसे ग्रहों का जन्म होना बाकी है, जिन पर रहने के अनुकूल परिस्थितियां होने की संभावना है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मौजूदा समय में आकाशगंगा में धरती के आकार के कम से कम एक अरब संसार होने चाहिए।
शोधकर्ताओं ने बताया कि 4.6 अरब साल पहले जब हमारे सौरमंडल का जन्म हुआ था तो रहने के अनुकूल परिस्थितियों वाले महज आठ फीसदी ग्रह वजूद में थे। 'नासा' के हब्बल स्पेस टेलीस्कोप और केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला की ओर से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अध्ययन के मुताबिक, उन ग्रहों में से 92 फीसदी का जन्म अभी होना बाकी है।
अध्ययन के लेखक और मैरीलैंड के बाल्टीमोर स्थित स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट से जुड़े पीटर बहरूजी ने कहा, 'हमारी प्रमुख प्रेरणा शेष ब्रह्मांड के संदर्भ में धरती के स्थान को समझना था।' बहरूजी ने कहा, 'ब्रह्मांड को कभी न कभी स्वरूप देने वाले सभी ग्रहों की तुलना में धरती का जन्म बहुत पहले हुआ।'
शोधकर्ताओं ने बताया कि 4.6 अरब साल पहले जब हमारे सौरमंडल का जन्म हुआ था तो रहने के अनुकूल परिस्थितियों वाले महज आठ फीसदी ग्रह वजूद में थे। 'नासा' के हब्बल स्पेस टेलीस्कोप और केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला की ओर से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अध्ययन के मुताबिक, उन ग्रहों में से 92 फीसदी का जन्म अभी होना बाकी है।
अध्ययन के लेखक और मैरीलैंड के बाल्टीमोर स्थित स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट से जुड़े पीटर बहरूजी ने कहा, 'हमारी प्रमुख प्रेरणा शेष ब्रह्मांड के संदर्भ में धरती के स्थान को समझना था।' बहरूजी ने कहा, 'ब्रह्मांड को कभी न कभी स्वरूप देने वाले सभी ग्रहों की तुलना में धरती का जन्म बहुत पहले हुआ।'