यह ख़बर 18 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आखिरी बार दिखेगी सचिन-वार्न की मशहूर जंग

खास बातें

  • सचिन-वार्न के बीच क्रिकेट जंग के कई किस्से रहे हैं। इन पर 20 मई के बाद विराम लग जाएगा, क्योंकि वार्न इस सत्र के बाद आईपीएल में भी नहीं खेलेंगे।
New Delhi:

यदि आप क्रिकेट के दो दिग्गजों सचिन तेंदुलकर और शेन वार्न के बीच जनवरी, 1992 से शुरू हुई मशहूर क्रिकेट जंग का आखिरी बार गवाह बनना चाहते हैं, तो शुक्रवार को मुंबई इंडियन्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच होने वाला आईपीएल मैच देखना न भूलें। तेंदुलकर और वार्न के बीच क्रिकेटिया जंग के कई किस्से रहे हैं। इन पर 20 मई के बाद विराम लग जाएगा, क्योंकि 41 वर्षीय वार्न ने सभी तरह की क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और वह इस सत्र के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में भी नहीं खेलेंगे। क्रिकेट के दोनों महारथी पिछले 19 साल में कई अवसरों पर आमने-सामने हुए। तेंदुलकर ने इस ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर को दिन में तारे दिखाने में कसर नहीं छोड़ी, तो वार्न ने भी कुछ अवसरों पर अपनी लेग ब्रेक से भारत के स्टार बल्लेबाज को परेशानी में डाला। यह अलग बात है कि इस जंग में अधिकतर अवसरों पर तेंदुलकर ने ही बाजी मारी। इस मशहूर जंग को लेकर भारतीय टीम में तेंदुलकर के साथी और राजस्थान रॉयल्स में वार्न के साथ खेलने वाले द्रविड़ भी काफी रोमांचित है। उन्होंने कहा, वे दोनों महान खिलाड़ी हैं। यदि हम इतिहास देखें, तो इस पर सहमत हो जाएंगे कि दोनों दिग्गज खिलाड़ी हैं। महान क्रिकेटरों के बीच आपस में यह दिलचस्प मुकाबला होगा। प्रत्येक इस तरह का मुकाबला देखना चाहता है। तेंदुलकर ने वार्न के सामने कई यादगार पारियां खेलीं। इनमें मार्च, 1998 में चेन्नई में दूसरी पारी में खेली गई नाबाद 155 रन की पारी भी शामिल है। तेंदुलकर को इस मैच की पहली पारी में वार्न ने चार रन पर मार्क टेलर के हाथों कैच करा दिया था, लेकिन भारतीय दिग्गज ने दूसरी पारी में इसका बदला चुकता कर दिया। उन्होंने वार्न को निशाने पर रखकर भारत को 179 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वार्न ने उस पारी में 30 ओवर में 122 रन लुटाए थे। चेन्नई में ही 2001 की ऐतिहासिक शृंखला में उन्होंने फिर से वार्न को निशाने पर रखकर 126 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर 42 मैच में 140 रन दे गया। वनडे में शारजाह में कोका कोला कप फाइनल में तेंदुलकर की 134 रन की पारी को भला कौन भूल सकता है। वार्न ने तब 10 ओवर में 61 रन लुटाए और भारत छह विकेट से मैच जीत गया था। इंदौर में 2001 में जब भारत 18 रन से जीता था, तो तेंदुलकर ने वार्न की गेंदों के खूब धुर्रे उड़ाये और 139 रन बनाए। वार्न ने तब 64 रन लुटाए थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेंदुलकर और वार्न आखिरी बार अक्टूबर, 2004 में नागपुर में खेले गए मैच में आमने-सामने दिखे थे। उस मैच में तेंदुलकर दोनों पारियों में जल्दी आउट हो गए थे और वार्न के साथ उनकी जंग देखने को नहीं मिली थी। इंडियन प्रीमियर लीग शुरू होने के बाद हालांकि यह मशहूर जंग फिर से शुरू हो गई थी, लेकिन अब 20 मई के बाद क्रिकेट प्रेमियों को ऐसा मुकाबला आगे शायद ही देखने को मिले।


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