नई दिल्ली:
देशभर में बुधवार को सुबह आकाश में शुक्र के पारगमन की दुर्लभ खगोलीय घटना दिखी। इस सदी में शुक्र के अनोखे संचरण की यह अंतिम घटना है।
वैज्ञानिकों और शौकिया खगोल विज्ञानियों में शुक्र के पारगमन को लेकर बेहद उत्साह देखा गया। इस घटना में सूर्य की सतह पर गहरा काला धब्बा दिखा।
यह नजारा देशभर में दिखा। हालांकि आसमान में बादल छाए होने की वजह से दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ अन्य हिस्सों में इसे देखने में बाधा उत्पन्न हुई।
नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने बताया, ‘‘इस सदी में शुक्र का यह अंतिम पारगमन है।’’ उन्होंने बताया कि नजारा सुबह करीब सात बजे देखा गया।
लोगों को इस खगोलीय नजारे को दिखाने के लिए तारामंडल में बड़े-बड़े प्रोजेक्टर, कैमरे और दूरबीन लगाई गई थीं जहां बड़ी संख्या में लोग जुटे।
बी. टेक के छात्र अंकित शर्मा ने कहा, ‘‘इस तरह की घटना को देखना काफी रोमांचक है।’’ स्कूल शिक्षिका निशा गुप्ता ने कहा, ‘‘यह काफी विस्मयकारी घटना है।’’ वह इस तरह का नजारा 2004 में भी देख चुकी हैं।
साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्यूनिकेटर्स एंड एजूकेटर्स (स्पेस) के निदेशक सीबी देवगन ने बताया, ‘‘शुक्र का अगला पारगमन अब 105 साल पांच महीने बाद 2117 में होगा।’’ देवगन ने कहा कि यह घटना तब होती है जब शुक्र ग्रह सूर्य और धरती के बीच से गुजरता है। यह घटना 8121 साल छह महीने और 105 साल छह महीने के अंतराल पर होती है।
वैज्ञानिकों और शौकिया खगोल विज्ञानियों में शुक्र के पारगमन को लेकर बेहद उत्साह देखा गया। इस घटना में सूर्य की सतह पर गहरा काला धब्बा दिखा।
यह नजारा देशभर में दिखा। हालांकि आसमान में बादल छाए होने की वजह से दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ अन्य हिस्सों में इसे देखने में बाधा उत्पन्न हुई।
नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने बताया, ‘‘इस सदी में शुक्र का यह अंतिम पारगमन है।’’ उन्होंने बताया कि नजारा सुबह करीब सात बजे देखा गया।
लोगों को इस खगोलीय नजारे को दिखाने के लिए तारामंडल में बड़े-बड़े प्रोजेक्टर, कैमरे और दूरबीन लगाई गई थीं जहां बड़ी संख्या में लोग जुटे।
बी. टेक के छात्र अंकित शर्मा ने कहा, ‘‘इस तरह की घटना को देखना काफी रोमांचक है।’’ स्कूल शिक्षिका निशा गुप्ता ने कहा, ‘‘यह काफी विस्मयकारी घटना है।’’ वह इस तरह का नजारा 2004 में भी देख चुकी हैं।
साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्यूनिकेटर्स एंड एजूकेटर्स (स्पेस) के निदेशक सीबी देवगन ने बताया, ‘‘शुक्र का अगला पारगमन अब 105 साल पांच महीने बाद 2117 में होगा।’’ देवगन ने कहा कि यह घटना तब होती है जब शुक्र ग्रह सूर्य और धरती के बीच से गुजरता है। यह घटना 8121 साल छह महीने और 105 साल छह महीने के अंतराल पर होती है।
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