उत्तराखंड (Uttarakhand) के पंत नगर से एक 10वीं क्लास की छात्रा टैक्सी ड्राइवर-2 मोबाइल गेम की लत के चलते घर से भाग गई. घर से भागने के बाद वो 18 दिन तक 10 शहर घूमी. जब वो दिल्ली में घूम रही थी तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया. वो घर में बिना बताए भागी थी. दिल्ली पुलिस ने पंत नगर पुलिस को सूचित किया. जिसके बाद उसके घर वाले उसे ले गए. गुरुवार को दुल्ली पुलिस ने उसे कमला मार्केट में घूमते देखा और उससे पूछताछ में ये खुलासा हुआ कि वो गेम के कारण घर से भागी थी.
एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने कहा- 'लड़की 1 जुलाई से गायब थी. दिल्ली पुलिस ने उसे कमला मार्केट में पकड़ा.' पुलिस ने बताया कि लड़की अपनी मां के मोबाइल फोन पर टैक्सी ड्राइवर-2 (साउथ कोरियन गेम) गेम खेलती थी. जिसके बाद वो गायब हो गई. सिंह ने कहा- 'दिल्ली पुलिस ने हमसे संपर्क किया और बताया कि लड़की 1 जुलाई को पंत नगर से भागी थी. जो दिल्ली में है. जिसके बाद हम दिल्ली पहुंचे और उसे परिवार वालों के हवाले कर दिया.'
सब-इंस्पेक्टर विपुल जोशी ने लड़की से पूछताछ की, जहां उसने बताया कि उसने गर्मियों की छुट्टियों में मां के मोबाइल फोन में मोबाइल गेम डाउनलोड किया था. जिसके बाद उसके गेम की लत लग चुकी थी. जिसके बाद उसने फैसला लिया कि गेम के कैरेक्टर (एक टैक्सी ड्राइवर, गेम में शहर-शहर घूमता था) की तरह वो भी घूमेगी.
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जोशी ने कहा- 'इस गेम में एक टैक्सी ड्राइवर पैसेंजर को बिठाता है और कई परेशानियां झेलने के बाद ड्रॉप करता है. लड़की ये कैरेक्टर रियल में निभाना चाहती थी. वो शहर-शहर घूमना चाहती थी. इसलिए वो घर से भाग निकली.' इस प्लान के मुताबिक, लड़की ने घर से 12 हजार रुपये चोरी किए और घर से भागकर यूपी के बरेली शहर के लिए बस पकड़ ली. वहां पहुंचने के बाद उसने लखनऊ के लिए बस पकड़ी और वहां से जयपुर के लिए बस पकड़ी. जिसके बाद वो बस से उदयपुर, जोधपुर, अहमदाबाद और पुणे घूमी.
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वो दिल्ली आने के लिए पुणे से जयपुर पहुंची. इस सफर में वो तीन बार दिल्ली आ चुकी थी. दिल्ली से वो ऋषिकेश गई थी और फिर दिल्ली आ गई थी. जिसके बाद वो फिर ऋषिकेश और हरिद्वार गई और दिल्ली आ गई. जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया. सब-इंस्पेक्टर विपुल जोशी ने बताया- 'पुलिस ने उसकी लोकेशन जयपुर में ट्रैक कर ली थी. जहां उसने बस टिकट के लिए बड़े भाई का ईमेल आईडी दिया. जब हम जयपुर पहुंचे तो वो निकल चुकी थी.'
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लड़की ने पुलिस को बताया कि होटल में रुकने के लिए उसको आईडी कार्ड की जरूरत थी. उससे बचने के लिए वो रात को स्लीपर बस में सफर करती थी. वो पिछले 18 दिन तक बिस्किट, चिप्स और पानी पीकर ही रही. यहां तक कि वो नहाई भी नहीं थी. लड़की के पिता एक लोकल स्कूल में काम करते हैं. उन्होंने कहा- 'बच्ची मां के मोबाइल का इस्तेमाल करती थी. हमें नहीं पता वो क्या करती थी. हम भाग्यशाली हैं कि बच्ची घर वापस आ चुकी है.'
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