पाक माह रमजान का महत्व बताने कई वीडियो आपने देखे होंगे, लेकिन एक नन्हे से बच्चे के मुंह से रमजान के सही मायने सुन कर आप यकीनन भावविभोर हो उठेंगे. भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं और यहां हर धर्म के तीज-त्योहारों को बड़ी धूमधाम से मनाया भी जाता है. और इन मौकों पर आते हैं मानवता और इंसानियत से जुड़े कई संदेश भी. कुछ ऐसा ही संदेश लिए एक विज्ञापन इस समय वायरल हो रहा है. इस विज्ञापन में एक छोटा सा बच्चा अपनी मां से रोजा रखने की जिद करता है, लेकिन मां उसे मना कर देती है. लेकिन वह रमज़ान को कैसे अपने नज़रिए से देखता और मनाता है वीडियो में यह संदेश बेहद खूबसूरती से दिया गया है.
11 जून को फेसबुक पर शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक तकरीबन 2.3 मिलियन लोग देख चुके हैं. वहीं यूट्यूब पर इसे 8.8 लाख बार देखा जा चुका है. यह विज्ञापन यकीनन आपके चेहरे पर ला देगा एक बड़ी सी मुस्कान...
इस वीडियो की शुरुआत में एक छोटा बच्चा बताता है कि आखिर क्यों उसकी मां घर के दूसरे सदस्यों की तरह उसे रोजा नहीं रखने देती. लेकिन उसके दिमाग में आता है एक आइडिया. एक के बाद एक वह छोटा सा बच्चा उन सभी के लिए कुछ न कुछ अच्छा करता है, जिन्हें वह प्यार करता है. सबसे पहले वह अपनी बहन के लिए चॉकलेट खरीदता है और उससे अपनी नाराजगी को खत्म करता है. इसके बाद वह पड़ोस के अंकल की मदद भी करता है और अपनी पॉकेट मनी से दादी के लिए खजूर भी खरीदता है. अंत में वह सबके लिए खाना बना रही मां की रसोई में मदद भी करता है.
इस विज्ञापन में दिया गया संदेश साफ है- 'रमजान सिर्फ रोजा से नहीं, छोटी-छोटी अच्छाई से भी मनाया जाता है.'
इस विज्ञापन को तकरीबन 45,000 रिएक्शन्स भी मिल चुके हैं और इसे 10,500 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
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इस वीडियो की शुरुआत में एक छोटा बच्चा बताता है कि आखिर क्यों उसकी मां घर के दूसरे सदस्यों की तरह उसे रोजा नहीं रखने देती. लेकिन उसके दिमाग में आता है एक आइडिया. एक के बाद एक वह छोटा सा बच्चा उन सभी के लिए कुछ न कुछ अच्छा करता है, जिन्हें वह प्यार करता है. सबसे पहले वह अपनी बहन के लिए चॉकलेट खरीदता है और उससे अपनी नाराजगी को खत्म करता है. इसके बाद वह पड़ोस के अंकल की मदद भी करता है और अपनी पॉकेट मनी से दादी के लिए खजूर भी खरीदता है. अंत में वह सबके लिए खाना बना रही मां की रसोई में मदद भी करता है.
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