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This Article is From Aug 27, 2018

परेशान करने वाली Call, SMS से निजात के लिए टेक महिंद्रा, माइक्रोसॉफ्ट साथ करेंगे काम

परेशान करने वाली कॉल और एसएमएस से निपटने में मदद के लिए टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर एक तकनीक विकसित करेंगे. ब्लॉकचेन पर आधारित यह तकनीक दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिशों के अनुरूप होगी.

परेशान करने वाली Call, SMS से निजात के लिए टेक महिंद्रा, माइक्रोसॉफ्ट साथ करेंगे काम
परेशान करने वाली कॉल और एसएमएस से निपटने में मदद के लिए टेक महिंद्रा और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर एक तकनीक विकसित करेंगे. ब्लॉकचेन पर आधारित यह तकनीक दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिशों के अनुरूप होगी. दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि टेक महिंद्रा ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ आज साझेदारी की घोषणा की. दोनों मिलकर एक ‘वितरित खाता तकनीक’ विकसित करेंगी. यह ट्राई की सिफारिशों पर आधारित एक मजबूत प्रणाली विकसित करेगी जो परेशान करने वाली कॉल एवं एसएमएस से निपटने में मदद करेगी.

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ब्लॉकचेन आधारित यह तकनीक माइक्रोसॉफ्ट एज्युर मंच पर विकसित की जाएगी. ट्राई के नए नियमों के अनुसार इस तरह की कॉल एवं एसएमएस से निपटने के लिए दूरसंचार कंपनियों को ब्लॉकचेन तकनीक लागू करना होगा. ब्लॉकचेन तकनीक में जानकारी ब्लॉक यानी खांचो में दर्ज होती है. हर खांचे का अपना एक विशिष्ट गोपनीय कोड होता है जिसे हैश कहते हैं.

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यह खांचे आपस में जुड़कर एक श्रृंखला बनाते हैं. हर खांचे में उससे पिछले वाले खांचे का हैश भी होता है. किसी नये ब्लॉक को जोड़ने के लिए प्रणाली से जुडे लगभग 50% कंप्यूटरों से सत्यापन कराना होता है और एक बार दर्ज किया गया डाटा हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाता है, क्योंकि डाटा को बदलते ही खांचे का हैश बदल जाता है और आगे जुडे सारे खांचे खराब हो जाते हैं. इसलिए यह तकनीक किसी हैकर के लिए अभेद किला बन जाती है. 

(इनपुट-ians)

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