Solar Eclipse 2019: आज 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) दिखाई दिया. भारतीय समयानुसार वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू हुई. सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हुई, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर 1 बजकर 36 मिनट पर समाप्त हुई. यह पूर्ण सूर्यग्रहण भारत समेत अन्य देशों में भी दिखाई दिया. सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों में साफ देखा गया.
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Like many Indians, I was enthusiastic about #solareclipse2019.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2019
Unfortunately, I could not see the Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of the eclipse in Kozhikode and other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts. pic.twitter.com/EI1dcIWRIz
दिल्लीवासी कोहरे के कारण बृहस्पतिवार को सुबह बहुप्रतीक्षित सूर्य ग्रहण का नजारा नहीं देख पाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली में आसमान में बादल छाए रहने के कारण सूर्य ग्रहण नहीं देख सके लेकिन उन्होंने कोझिकोड और अन्य हिस्सों से लाइव स्ट्रीम के जरिए इसकी झलक देखी.
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केरल में सूर्य ग्रहण साफ देखा गया. बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों लोगों ने साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखा. दुर्लभ दृश्य सबसे पहले कासरगोड के चेरुवतूर में देखने को मिला और इसके बाद यह कोझिकोड और कन्नूर में भी दिखाई दिया. सबरीमाला स्थित प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर, तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभ स्वामी मंदिर और गुरुवयूर में भगवान कृष्ण मंदिर समेत विभिन्न मंदिर सूर्य ग्रहण के कारण बंद रहे.
सूर्य ग्रहण के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में उमड़े और ब्रह्म सरोवर में स्नान किया. कड़ाके की सर्दी के बावजूद बच्चों सहित श्रद्धालुओं ने सरोवर में डुबकी लगाई.
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क्या होता है सूर्य ग्रहण?
क्या आप जानते है कि सूर्य ग्रहण किसे कहते हैं. असल में सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की खगोलिया स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण कब होगा?
अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा. देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा.
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