विश्व भर में आत्महत्या के कारण होने वाली मौत के मामलों में 1990 के बाद से करीब एक तिहाई कमी दर्ज की गई. बहस्पतिवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. ‘द बीएमजे' पत्रिका द्वारा प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि 2016 में आत्महत्या करने वालों में से करीब 44.2 प्रतिशत लोग भारत एवं चीन से थे.
Rose Day पर इस लड़की ने सुनाई शादी के बाद की हकीकत, वायरल हुआ VIDEO
इसमें पाया गया कि 1990 से 2016 के बीच आत्महत्या के चलते होने वाली मौतों में 6.7 फीसदी बढो़तरी देखी गई थी. हालांकि जब आयु को आधार बनाकर इस दर को देखा गया तो शोधकर्ताओं ने पाया कि इसी अवधि में आत्महत्या से होने वाली वैश्विक मृत्यु दर दुनिया भर में करीब 33 फीसदी तक गिरी थी.
इस पाकिस्तानी बल्लेबाज को आउट देने में निकल गए अंपायर के पसीना, वायरल हुआ VIDEO
अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने देखा कि आत्महत्या से होने वाली मौतों की दर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा थी. साथ ही उन्होंने पाया कि ऊंची दरें सामाजिक एवं आर्थिक नुकसान से जुड़ी हुई प्रतीत हुईं. आत्महत्या जन स्वास्थ्य का एक वैश्विक मुद्दा है और हर साल करीब 8,00,000 मौतें दर्ज की जाती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का लक्ष्य 2015 से 2030 के बीच आत्महत्या से होने वाली मौतों को एक तिहाई तक कम करना है.
(इनपुट-भाषा)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं