
महामारी (pandemic) के कारण, विदेशों में रहने वाले बहुत से लोग अपने देश वापस नहीं जा सके और उन्हें परिवार और दोस्तों से काफी लंबे समय तक दूर रहना पड़ा. पांच साल बाद स्विटजरलैंड (Switzerland) से लौटा केरल का एक शख्स (Kerala man) रोजन परम्बिल अपनी मां के लिए ये सोचकर परेशान था कि वह बूढ़ी और कमजोर हो गई है. उसने उसे एक यात्रा पर ले जाने का फैसला किया. उसने उसे नहलाया और तैयार किया. फिर, उसने उसे अपने कंधे पर उठा लिया और एक छोटी रोड ट्रिप पर ले गया. वीडियो को ह्यूमन्स ऑफ केरला (Humans of Kerala) के इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया गया था.
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो में शख्स अपनी बुजुर्ग मां को कंधे पर उठाकर कार में बिठाता नजर आ रहा है. वह एक अन्य महिला द्वारा दी गई चाय की चुस्की लेते हुए भी दिखाई दे रही हैं. ऐसा लगता था कि मां ने ट्रिप को एन्जॉय किया है. इस ट्रिप के दौरान मां-बेटे की जोड़ी ने तस्वीरें भी क्लिक कीं.
एक समय था जब वह अपनी "अम्माची" को स्विट्ज़रलैंड ले गए थे और उसे सबकुछ दिखाया. वह उन पलों को फिर से वापस देखना चाहते थे. लेकिन उसके स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के कारण अगर वो केवल पास के स्थान पर ही जा सकती है, तो भी ठीक है.
परम्बिल ने लिखा, “वर्षों पहले, मैं अम्माची को स्विट्ज़रलैंड ले गया था और उसे पूरा यूरोप दिखाया था. नई जगहों को देखकर वह बहुत खुश हुई. लेकिन मैं उसके लगभग 5 साल बाद ही कोविड की वजह से भारत जा सका. अम्माची को देखकर मेरा दिल टूट गया. वह बहुत बूढ़ी लग रही थी- पहले से कहीं अधिक सफेद बाल, और कमजोर. वह न ठीक से खड़ी हो पाती थी और न ही चल पाती थी. उसने मुझे बताया कि वह वर्षों से चर्च भी नहीं गई थी! मैंने उसे बाहर ले जाने का फैसला किया.”
"मैं स्विट्जरलैंड में एक वृद्धाश्रम में काम करता हूं. तो, उस अनुभव के साथ, मैंने उसे नहलाया, अपनी बहनों से उसे कपड़े पहनाए, और उसे अपनी कार में ले जाने का फैसला किया. सभी ने कहा कि यह सही विचार नहीं था. फिर भी मैं आगे बढ़ गया! मैंने उसे अपने कंधों पर उठा लिया और उसे कार में बिठाया और हम लगभग 20 किमी दूर उसके गृहनगर अथिरुंपुझा चले गए. वह कई जगहों को भूल चुकी थीं, लेकिन फिर भी उसे खुशी हुई. मैंने दुनिया भर के विभिन्न स्थानों में रहने वाले अपने भाई-बहनों को भेजने के लिए वीडियो लिए. वे सभी अम्माची के लिए परेशान थे लेकिन फिर भी उसे देखकर खुश थे. मैं एक बार उसे 'नीलाकुरिंजी' के दर्शन के लिए भी ले गया था. यात्रा के बाद वह थकी हुई और बीमार थी, लेकिन आखिरकार वह देख कर खुश थी, जिसकी वह हमेशा से इच्छा रखती थी.
देखें Video:
इंटरनेट ऐसे बेटे की जमकर तारीफ कर रहा है. एक यूजर ने लिखा, "मां धन्य है और बेटा फरिश्ता है." एक यूजर ने लिखा, "मां अपूरणीय हैं. उनके साथ बिताया हर पल संजोया जाना चाहिए. बाद में यादें ही रह जाएंगी. मुझे लगता है कि यह अद्भुत था कि आप उसे सब जगह ले गए.”
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