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शाहजहांपुर की अनोखी होली: भैंसा गाड़ी पर ठाठ से निकलेंगे 'लाट साहब', बरसाए जाएंगे जूते-चप्पल, तिरपाल से ढक जाएंगी मस्जिदें

हर साल होली के त्योहार पर संपन्न होने वाली इस परंपरा को लाट साहब का जुलूस कहते हैं. इस जुलूस के निकलने से पहले शहर की सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है, ताकि इन्हें रंग से बचाया जा सके.

शाहजहांपुर की अनोखी होली: भैंसा गाड़ी पर ठाठ से निकलेंगे 'लाट साहब', बरसाए जाएंगे जूते-चप्पल, तिरपाल से ढक जाएंगी मस्जिदें
शाहजहांपुर की अनोखी होली: जब 'लाट साहब' को जूते मारते हुए निकाला जाता है जुलूस

Shahjahanpur Lat Saheb Tradition: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में होली का त्योहार एक अनोखी परंपरा के साथ मनाया जाता है, जिसे 'लाट साहब का जुलूस' कहा जाता है. यह जुलूस न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी विचित्रता के लिए प्रसिद्ध है. इस परंपरा के तहत एक व्यक्ति को 'लाट साहब' बनाया जाता है, जिसे भैंसा गाड़ी पर बैठाकर पूरे शहर में घुमाया जाता है. खास बात यह है कि इस दौरान लोग लाट साहब को 'जूते मारते हैं' और उनका मजाक उड़ाते हैं. जुलूस के निकलने से पहले शहर की सभी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है, ताकि उन्हें रंगों से बचाया जा सके.

यह परंपरा सदियों पुरानी बताई जाती है और इसे एक प्राचीन रिवाज के रूप में देखा जाता है. जुलूस के अंत में लाट साहब को बाबा विश्वनाथ मंदिर ले जाया जाता है, जहां उन्हें पूजा अर्चना करनी पड़ती है. यह परंपरा हर साल सैकड़ों लोगों को आकर्षित करती है और होली के रंगों में एक अनोखा रंग जोड़ती है. इसकी ऐतिहासिक मान्यता को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन यह उत्सव आज भी पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है.  

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लाट साहब की सवारी, बैलगाड़ी पर ऐतिहासिक यात्रा (Shahjahanpur masjid covered with tarpaulin)

हर साल होलिका दहन से पहले, शाहजहांपुर में लाट साहब की सवारी निकाली जाती है. इसे देखने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उमड़ते हैं. यह परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही है, जब एक अंग्रेज अधिकारी होली के जुलूस में शामिल हुआ था. शाहजहांपुर में होली के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं. ऐतिहासिक लाट साहब की सवारी से पहले, शहर की कई मस्जिदों को कपड़े से ढक दिया गया है.

यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इस बार प्रशासन अधिक सतर्क है. पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. इस वर्ष, सुरक्षा को लेकर प्रशासन ज्यादा सतर्क है. पूरे मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है. डीएम और एसपी ने इलाके का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.  

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जुलूस को दी जाती है सलामी (shoe hitting Holi)

शहर में कई स्थानों पर स्थित मस्जिदों को सफेद और हरे कपड़े से ढका गया है. प्रशासन के अनुसार, यह परंपरा वर्षों पुरानी है, जिसका मकसद सौहार्द बनाए रखना है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए उठाया जाता है. इस दौरान चौक से निकलने वाले लाट साहब के जुलूस को कोतवाली के अंदर सलामी दी जाती है, उसके बाद नवाब यानी लाट साहब कोतवाली पहुंचते हैं, जहां पूरे वर्ष का लेखा-जोखा कोतवाल से मांगा जाता है. इस दौरान कोतवाल द्वारा लाट साहब को नजराना पेश किया जाता है. इसके बाद जुलूस की शुरुआत होती है.

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जुलूस के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम (Shahjahanpur Laat Sahab)

जिला प्रशासन की ओर से लाट साहब के जुलूस के लिए भारी भरकम तामझाम और व्यवस्थाएं की जाती हैं. लाट साहब का जुलूस जिन मार्गों से होकर गुजरता है उन मार्गों पर बल्ली और तारों वाला जाल लगाकर गलियों को बंद कर दिया जाता है, जिससे कि लाट साहब के जुलूस में मौजूद लोग किसी गली में ना घुसें और शहर में अमन चैन कायम रहे. शाहजहांपुर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, "हर साल होली के दौरान यह परंपरा निभाई जाती है. इस बार भी हमने सभी सुरक्षा उपाय किए हैं. अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. हम चाहते हैं कि हर समुदाय के लोग सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से अपना त्योहार मनाएं." 

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चप्पे-चप्पे पर नजर (Laat Sahab on buffalo cart)

शाहजहांपुर में लाट साहब की सवारी और होली के दौरान सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. मस्जिदों को ढकने की परंपरा जारी रखते हुए, सभी समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखने का प्रयास किया गया है. प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे शांति और भाईचारे के साथ होली मनाएं. इसके साथ-साथ लाट साहब के जुलूस के साथ कई थानों की फोर्स, पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया जाता है. चप्पे-चप्पे पर कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाती है, जिससे कि शरारती तत्वों की पहचान की जा सके और शहर में अमन चैन कायम रहे. महानगर को सेक्टर के हिसाब से विभाजित कर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाती है. 

ये है मुख्य बिन्दु (Viral Holi news)

  • सुरक्षा के कड़े इंतजाम.  
  • ड्रोन कैमरों से निगरानी.  
  • अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती.
  • सीसीटीवी कैमरों से लाइव मॉनिटरिंग. 
  • संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च.  

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