प्रतीकात्मक तस्वीर
लंदन:
अंडाणु के बिना भी जीवों की उत्पत्ति संभव है. विज्ञान के क्षेत्र में हुई इस नई खोज को मानव प्रजनन में आने वाली समस्याओं के उपचार और जानवरों की लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने की दृष्टि से अहम माना जा रहा है. नई तकनीक में निषेचन के बिना भी भूण का विकास संभव है.
दरअसल, ब्रिटेन के बाथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने माउस पाथ्रेनोगेनोट्स में वीर्य प्रविष्ट कराके इसका सफल परीक्षण किया. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि ऐसे 24 प्रतिशत मामलों में ही सफलता मिलती है.
हालांकि, इस तकनीक में इससे जुड़े अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक सफलता की संभावना है. नई तकनीक के जरिये जन्म लेने वाला चूहा स्वस्थ और कम-से-कम दो पीढ़ी को आगे बढ़ा पाने में सक्षम है.
बाथ विश्वविद्यालय के टोनी ने कहा कि पहली बार वीर्य प्रविष्ट कराके पूर्ण रूप से भ्रूण का विकास किए जाने में सफलता हासिल हुई है. इस अध्ययन का प्रकाशन नेचर कम्युनिकेशन्स जर्नल में हुआ है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दरअसल, ब्रिटेन के बाथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने माउस पाथ्रेनोगेनोट्स में वीर्य प्रविष्ट कराके इसका सफल परीक्षण किया. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि ऐसे 24 प्रतिशत मामलों में ही सफलता मिलती है.
हालांकि, इस तकनीक में इससे जुड़े अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक सफलता की संभावना है. नई तकनीक के जरिये जन्म लेने वाला चूहा स्वस्थ और कम-से-कम दो पीढ़ी को आगे बढ़ा पाने में सक्षम है.
बाथ विश्वविद्यालय के टोनी ने कहा कि पहली बार वीर्य प्रविष्ट कराके पूर्ण रूप से भ्रूण का विकास किए जाने में सफलता हासिल हुई है. इस अध्ययन का प्रकाशन नेचर कम्युनिकेशन्स जर्नल में हुआ है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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