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This Article is From Jan 23, 2024

अमेरिकी स्कूल ने बाथरूम से आईना हटवाने का लिया फैसला, वजह जान यकीन नहीं कर पाएंगे आप

स्कूल ने ये फैसला लिया है, क्योंकि स्टूडेंट्स अपनी क्लास के बीच वॉशरूम में जाकर टिकटॉक वीडियो बनाने में समय बिता रहे थे और ऐसे छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

अमेरिकी स्कूल ने बाथरूम से आईना हटवाने का लिया फैसला, वजह जान यकीन नहीं कर पाएंगे आप
टिकटॉक वीडियोज से परेशान स्कूल ने लिया ये बड़ा फैसला

अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना के एक मिडिल स्कूल ने कथित तौर पर बाथरूम के आईनों को हटाने का फैसला लिया है. इस फैसले के पीछे की वजह बेहद चौंकाने वाली हैं. दरअसल, स्कूल ने ये फैसला लिया है, क्योंकि स्टूडेंट्स अपनी क्लास के बीच वॉशरूम में जाकर टिकटॉक वीडियो बनाने में समय बिता रहे थे और ऐसे छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

एलामांस-बर्लिंगटन स्कूल सिस्टम के प्रवक्ता लेस एटकिन्स ने फॉक्स न्यूज को बताया, "छात्र लंबे समय तक बाथरूम जा रहे थे और टिकटॉक बना रहे थे." उन्होंने बताया कि उत्तरी कैरोलिना के ग्राहम में दक्षिणी एलामांस मिडिल स्कूल ने ऐसा होने से रोकने लिए बाथरूम के मिरर्स को हटाने का फैसला लिया.

मिरर हटाने से दिखा बदलाव

शैक्षणिक संस्थान ने कहा कि, आमतौर पर छात्र दिन में तीन से चार बार टॉयलेट जाते हैं. हालांकि, इसमें लगातार वृद्धि हुई है, छात्र अब दिन में सात, आठ या नौ बार टॉयलेट जाते हैं. मिरर हटाने के बाद से एटकिन्स ने बताया कि, "बाथरूम में बहुत कम लोग जाते हैं, लंबे समय तक नहीं रुकते हैं, और छात्रों को जवाबदेह ठहराया जाता है और जब जवाबदेही होती है, तो आप एक बड़ा अंतर देखते हैं."

फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एटकिन्स ने बताया कि स्कूल छात्रों को "डिजिटल नागरिकता" पर शिक्षित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने डब्ल्यूएफएमवाई को बताया, "हम छात्रों को शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे अब हम सभी के पास सेल फोन हैं, हमें उनका इस्तेमाल करना सीखना होगा. हमें सीखना होगा कि उन्हें कब बंद करना है." स्कूल स्मार्ट पास भी लागू कर रहा है, एक डिजिटल हॉल पास सिस्टम जो अधिकारियों का कहना है कि छात्रों को क्लास के अंदर और बाहर चेक करने की अनुमति देती है. स्कूल मैनेजमेंट के अनुसार, इसका उद्देश्य कर्मचारियों को यह बेहतर ढंग से ट्रैक करने में सक्षम बनाना है कि छात्र कब-कहां जा रहा है.

स्कूल प्रशासन ने बताया कि डिजिटल हॉल पास प्रणाली में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, क्योंकि यह स्कूल और जिले के लिए पहले से ही उपलब्ध मौजूदा सॉफ्टवेयर में एकीकृत है.

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