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This Article is From Apr 11, 2024

कक्षा 3 में पढ़ने वाले बेटे की बढ़ती फीस से परेशान हुआ शख्स, पोस्ट शेयर कर दी ऐसी जानकारी, आप भी हो जाएंगे परेशान

कुछ दिन पहले शेयर किए जाने के बाद से इस पोस्ट को 9 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस शेयर पर अब तक करीब 6,100 लाइक्स जमा हो चुके हैं.

कक्षा 3 में पढ़ने वाले बेटे की बढ़ती फीस से परेशान हुआ शख्स, पोस्ट शेयर कर दी ऐसी जानकारी, आप भी हो जाएंगे परेशान
कक्षा 3 में पढ़ने वाले बेटे की बढ़ती फीस से परेशान हुआ शख्स

गुरुग्राम (Gurugram) में एक पिता ने अपने बेटे की वार्षिक स्कूल फीस (School Fees) वृद्धि के बारे में एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लोगों को जानकारी दी. उनकी पोस्ट वायरल होते ही बहुत से अभिभावकों ने भी अपनी सहमति जताई. एक्स यूजर उदित भंडारी ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि कैसे तेजी से बढ़ती फीस संरचना अभिभावकों के लिए वित्तीय बोझ बनती जा रही है.

भंडारी ने लिखा, “मेरे बेटे की स्कूल फीस लगातार 10% प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है. स्कूल ने बढ़ोतरी के बारे में बताने की भी जहमत नहीं उठाई और ऊंची फीस बस भुगतान ऐप पर दिखाई देने लगी! जब माता-पिता ने विरोध किया, तो उन्होंने कहा कि कृपया अपने बच्चों के लिए दूसरा स्कूल खोजें!” 

अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “इस पोस्ट ने निश्चित रूप से एक गहरी चोट पहुंचाई है! मेरा बेटा तीसरी कक्षा में है और यह गुड़गांव में एक जाना-माना सीबीएसई स्कूल है. स्कूल की फीस 30000/माह रु. भोजन सहित (बस को छोड़कर). यदि यह 10% पर चक्रवृद्धि जारी रहता है, तो जब वह 12वीं में होगा तो यह लगभग 9,00,000 प्रति वर्ष हो जाएगा.''

कुछ दिन पहले शेयर किए जाने के बाद से इस पोस्ट को 9 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस शेयर पर अब तक करीब 6,100 लाइक्स जमा हो चुके हैं. लोगों ने शेयर पर प्रतिक्रिया देते हुए तरह-तरह के कमेंट पोस्ट किए. एक यूजर ने लिखा, “यहां डीपीएस के साथ भी ऐसा ही है. आप किसी भी चीज़ पर आपत्ति नहीं कर सकते. हर साल 10% बढ़ोतरी, बढ़ी हुई एमआरपी वाली किताबें, वे स्टेशनरी भी प्रदान करते हैं, और आप इसे बाहर से नहीं खरीद सकते. वे हर साल कपड़े और जूते बदलते हैं ताकि कोई भी उनके पुराने जूते का उपयोग न कर सके.”

दूसरे ने साझा किया, “यह एक बड़ा मुद्दा है जिसे गंभीरता से संबोधित करने की आवश्यकता है.” तीसरे ने लिखा, “मेरे दोस्त की बेटी बैंगलोर के एक इंटरनेशनल बोर्ड स्कूल में कक्षा 2 में है, और उसकी फीस है, 8 लाख रु. प्रति वर्ष भोजन और परिवहन सहित. जब बच्चा कुछ निश्चित ग्रेड प्राप्त करता है तो वे फीस में सालाना 10% + अतिरिक्त 20% की वृद्धि करते हैं. तो, मेरे मित्र के अनुसार, जब वह 12वीं कक्षा में पहुंचेगी तो प्रति वर्ष फीस 35 लाख रु. होगी.” चौथे ने लिखा, “यह बहुत प्रासंगिक है. निजी स्कूलों में स्कूल फीस में अकारण बढ़ोतरी आम बात हो गई है. शिक्षा एक व्यवसाय बन गई है.'' 

इस पोस्ट पर आपकी क्या राय है? कमेंट करके बताइए.

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