विप्रो के अध्यक्ष रिशद प्रेमजी (Wipro Chairman Rishad Premji) ने अपनी दादी को "सबसे उदार व्यक्ति" के रूप में याद किया, उन्होंने हाल ही में ट्विटर पर एक पुरानी फोटो शेयर की है. डॉ. गुलबानो प्रेमजी (Dr Gulbanoo Premji), 1966 से 1983 तक विप्रो की अध्यक्ष थीं. उनके पति एमएच प्रेमजी (MH Premji) ने इस कंपनी को स्थापित किया था. उनके पोते ने अपने ट्विटर पोस्ट में बताया, ‘यह उनकी उदारता और उनके मूल्य थे, जिन्होंने विप्रो के परोपकारी आदर्शों को आकार दिया.”
डॉ. गुलबानो प्रेमजी के बेटे अजीम प्रेमजी (Azim Premji) साल 2020 में भारत में परोपकारी लोगों की सूची में सबसे ऊपर रहे, पिछले साल हर दिन करीब 22 करोड़ किए थे दान. काफी समय पहले प्रेमजी ने कहा था,कि उनकी सोच और कदम और उन्हें धन के साथ क्या करना चाहिए, इन सबके लिए उनकी मां ने प्रभावित किया था.
2019 में पिता अजीम प्रेमजी से विप्रो के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने वाले रिशद प्रेमजी ने अपने माता-पिता के साथ अपनी दादी की एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो शेयर की. उन्होंने लिखा, "मेरी दादी डॉ. गुलबानो प्रेमजी, मेरे माता-पिता के साथ अमलनेर में हैं," "वह 1966-83 से विप्रो की चेयरपर्सन थीं और शुरुआती वर्षों में मेरे पिता के लिए एक बहुत बड़ा समर्थन. वह सबसे उदार व्यक्ति भी थीं, जिन्हें मैं जानता था. उनके मूल्यों ने विप्रो के परोपकार के आदर्शों को आकार दिया."
उन्होंने हैशटैग #TheStoryofWipro और # 75YearsofWipro भी जोड़े.
My grandmother Dr Gulbanoo Premji with my parents at Amalner. She was chairperson of Wipro from 1966-83 & a huge support for my father in the early years. She was also the most generous person I knew. Her values shaped Wipro's philanthropy ideals. #75YearsofWipro #TheStoryofWipro pic.twitter.com/jnFDnWNoW8
— Rishad Premji (@RishadPremji) January 12, 2021
विप्रो के 75 वर्षों को चिह्नित करने के लिए, जिसे 29 दिसंबर, 1945 को शामिल किया गया था, रिशद प्रेमजी ने सोशल मीडिया पर पूर्व-अनदेखी पारिवारिक तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं, जिसका शीर्षक ‘द स्टोरी ऑफ विप्रो' (The Story of Wipro) नामक पुस्तक के विमोचन के लिए है.
पिछले सप्ताह, उन्होंने अपने दादा-दादी की विशेषता वाली ट्विटर पर दो पुरानी तस्वीरें साझा की थीं और उन्हें प्रगतिशील वजहों के लिए समर्पित एक कपल के रूप में याद किया था. उन्होंने लिखा, "मेरे दादा दादी गुलबानो और एमएच प्रेमजी. वो डॉ. जिन्होंने एक बच्चों के अस्पताल को स्थापित करने में मदद की, उन्होंने वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स (Western India Vegetable Prdts) की स्थापना की, जो बाद में विप्रो बना. वे एक स्पेशल कपल थे, जो प्रगतिशील कारणों के लिए समर्पित थे."
My grandparents Gulbanoo & MH Premji. She a Dr. who helped found a childrens hospital, he founded Western India Vegetable Prdts, later Wipro. They were a special couple, devoted to progressive causes. I didn't know him at all but I still miss her. #TheStoryofWipro #75yearsofWipro pic.twitter.com/qNuOlSpIwx
— Rishad Premji (@RishadPremji) January 4, 2021
श्री प्रेमजी के अनुसार, ‘द स्टोरी ऑफ विप्रो' वेस्टर्न इंडिया वेजीटेबल प्रॉडक्ट्स लिमिटेड की कहानी का खुलासा करेगी और एक विविध वैश्विक व्यवसाय के रूप में विप्रो में इसका निर्माण किया जाएगा.
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