वैज्ञानिकों ने सौर मंडल के बाहर ग्रहों के समूह की पहचान की.
वैज्ञानिकों ने हमारे सौर मंडल के बाहर ग्रहों के एक ऐसे समूह की पहचान की है जहां वही रासायनिक स्थितियां हैं जो शायद पृथ्वी पर जीवन का कारण बनी होंगी. ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि पृथ्वी जैसे एक चट्टानी ग्रह की सतह पर जीवन के विकास की संभावनाएं हैं और इनका संबंध ग्रह के ‘‘होस्ट स्टार’’ से है.
ये है सौर मंडल का एक मात्र ऐसा ग्रह जहां उल्टी दिशा से चलती है हवा, वैज्ञानिकों के लिए बनी पहेली
साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि पृथ्वी पर पहले पहल हुए जीवन के विकास की स्थिति की ही तरह तारों ने पराबैंगनीकिरणों (यूवी) के प्रकाश को उसी तरह इन ग्रहों पर भी छोड़ा जिससे इन ग्रहों में भी जीवन की शुरूआत हो सकती है. पृथ्वी पर यूवी प्रकाश से रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती है और इससे जीवन का निर्माण होता है.
नासा की खोज: सौरमंडल से काफी दूर बन रही ग्रहों की एक और नई दुनिया
शोधकर्ताओं ने ऐसे कई ग्रहों की पहचान की है जहां उनके ‘‘होस्ट स्टार’’ से यूवी प्रकाश इन रासायनिक प्रतिक्रियाओं को होने की अनुमति देने के लिए पर्याप्त है और यह रहने योग्य सीमा के भीतर स्थित है जहां ग्रह की सतह पर तरल पानी भी मौजूद हो सकता है.
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