'बिहार में बहार' - किसकी है नीतीश की जीत का बिगुल बजाने वाली ये 'सुपरहिट' लाइन...

'बिहार में बहार' - किसकी है नीतीश की जीत का बिगुल बजाने वाली ये 'सुपरहिट' लाइन...

राज शेखर ने नीतीश कुमार की पार्टी के लिए गीत लिखा है

'बिहार में बहार है, मिस्टर कुमार फिर एक बार हैं' - रविवार को नीतीश कुमार के महागठबंधन की जीत के बाद पटना में चारों तरफ लगे पोस्टरों पर बड़े बड़े अक्षरों में यह लाइन नज़र आ रही थी। वैसे पटना के अलावा एक और जगह थी जहां इस गीत का काफी ज़िक्र किया जा रहा था, वो जगह थी गीतकार राज शेखर की फेसबुक वॉल जहां उनके दोस्त उन्हें इस सुपरहिट लाइन के लिए बधाई दे रहे थे।
 

नीतीश की जीत के बाद लगे पोस्टर

इससे पहले इस लाइन को चुनाव प्रचार के दौरान कुछ इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा था - 'बिहार में बहार हो, नीतीशे कुमार हो।' बच्चे-बच्चे के मुंह पर चढ़ी यह लाइन दरअसल नीतीश कुमार के चुनावी अभियान के दौरान राज शेखर ने लिखी थी जिन्होंने 'तनु वेड्स मनु' और 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' के लोकप्रिय गीत भी लिखे हैं।

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बिहार चुनाव के दौरान एनडीटीवी ख़बर से बातचीत में शेखर ने बताया था कि यह दरअसल नीतीश सरकार के लिए लिखे एक गीत का हिस्सा है जो मुख्यमंत्री की पार्टी को इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे होर्डिंग पर भी इस्तेमाल करना शुरु कर दिया।


बिहार चुनाव प्रचार के दौरान लगे पोस्टर

'फिर से एक बार हो, नीतीशे कुमार हो' - बिहार सरकार की उपलब्धियों की बात करने वाले इस गीत को लिखने के दौरान क्या राज शेखर किसी ऐसी  दुविधा के शिकार हुए जिसका सामना अक्सर राजनीतिक पार्टियों के लिए कुछ लिखते वक्त करना पड़ता है। शेखर बताते हैं कि 'वैचारिक मतभेद आना स्वाभाविक है लेकिन इस गीत के दौरान ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि मैं खुद बिहार से हूं और इस नाते में नीतीश कुमार के काम से काफी खुश हूं। मुंबई से मैं जब भी अपने गांव मधेपुरा जाता हूं और वहां लड़कियों को साइकल पर स्कूल जाते देखता हूं तो मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितनी खुशी होती है।'
 

राजशेखर मानते हैं नीतीश कुमार ने बिहार के लिए काम किया है

फिल्में हो या विज्ञापन अक्सर गीत लिखने के दौरान क्लाइंट की तरफ से हस्तक्षेप किया जाता है और जब बात राजनीतिक पार्टी की हो तो यह समस्या ज्यादा होने की आशंका रहती है।

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हालांकि राज की मानें तो गीत लिखने के दौरान उन्हें पार्टी की तरफ से शब्दों के इस्तेमाल करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई। उसी का नतीजा था कि उन्होंने अपने गीत में नीतीश की जगह 'नीतीशे' शब्द का इस्तेमाल किया जो कि बिहार की बोलचाल का एक तरीका है। राज ने बताया कि 'नीतीश को इस पूरे गीत में अपने नाम का यह अंदाज़ इतना पसंद आया कि जब मैं उनसे पहली बार मिला तो उनका पहला सवाल था 'बिहार से हो?'

बिहार के मधेपुरा से ताल्लुक रखने वाले राज शेखर ने दिल्ली से पढ़ाई की है और इन दिनों वह मुंबई में फिल्मों के लिए गीत लिख रहे हैं। बिहार चुनाव के लिए नीतीश की ओर से रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने राजशेखर से इस गीत को लिखने के लिए संपर्क किया था। पूरे चुनाव के दौरान जेडीयू पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की कॉलर ट्यून बना 'फिर से नीतीशे' का संगीत स्नेहा खनवलकर ने दिया है जो इससे पहले गैंग्स ऑफ वासेपुर के संगीत के लिए चर्चा में आई थीं।

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हर दिन नए नए फिल्मी गीतों की बाढ़ के बीच एक राजनीतिक पार्टी के इस गीत ने इस वक्त सबका ध्यान बटोर रखा है, आप भी सुनिए नीतीशे की जीत का गीत -