पुलवामा आंतकी हमले (Pulwama Terror Attack) में शहीद हुए जवानों के परिवार की मदद के लिए हर कोई आगे आ रहा है. चाहे वो बिहार के शेखपुरा की डीएम इनायत खान का सीआरपीए (CRPF) जवानों की दो बेटियों को गोद लेना हो. या फिर एनआरआई विवेक पटेल का अमेरिका में रहकर 6 करोड़ से ज्यादा की धनराशि जमा करना हो. लेकिन तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) ने पुलवामा हमले (Pulwama Attack) में मारे गए जवानों के परिवार के लिए अनोखे तरीके से मदद कर रही है.
तेलंगाना हाई कोर्ट ने धोखाधड़ी केस में फंसे दोषियों को जमानत देने के लिए शर्त ये रखी है कि वो 1 लाख रुपये सैनिक वेलफेयर फंड (Sainik Welfare Fund) दान करें. उसके बाद ही उन्हें जमानत दी जाएगी.
जस्टिस बी शिवशंकर राय ने (B Shivashankara Rao) सन परिवार ग्रुप (Sun Pariwar Group) के आयोजकों की जमानत पर यह फैसला दिया.
सन परिवार ग्रुप ऑफ कंपनिज़ के सीईओ मेथुकू रविंदर सहित उनके सहयोगियों को दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने 14,000 इन्वेस्टर्स को करीब 150 करोड़ का चूना लगाया.
जस्टिस राय के इस फैसले से पहले उन्होंने शुरू में इस शर्त पर अदालत से जमानत ली थी कि वे जांच में सहयोग करेंगे. हालांकि, इन सभी के जांच-पड़ताल करने वाले ऑफिसर्स के साथ सहयोग नहीं किया, जिसके बाद कोर्ट ने उनकी जमानत कैंसल कर दी थी.
इसी वजह से इस ग्रुप ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जहां जस्टिस राय ने उन्हें ये फैसला सुनाया.
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