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This Article is From Jul 26, 2013

प्रतापगढ़ : एड्स से यतीम हुए, कब्रिस्तान में रह रहे बच्चों को घर आवंटित

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
रिश्तेदारों ने उन्हें यह कहकर घर से निकाल दिया था कि इनसे एड्स फैलने का खतरा है, इसलिए ये चारों बच्चे पिछले तीन महीने से अपने मां-बाप की कब्र के पास रह रहे थे।
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में अपने मां-बाप की एड्स से मौत होने के बाद कब्रिस्तान में रहने को मजबूर चार बच्चों के बारे में एनडीटीवी पर खबर प्रसारित किए जाने के बाद सरकार हरकत में आई है। प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी ने इंदिरा आवास योजना के तहत इन बच्चों को एक घर आवंटित किया है। प्रशासन ने इन अनाथ बच्चों के बीपीएल कार्ड बनवाने के भी आदेश दिए हैं, ताकि उन्हें राशन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।

उल्लेखनीय है कि ये चार बच्चे पिछले तीन महीने से सिर्फ इसलिए कब्रिस्तान में रह रहे हैं, क्योंकि उनके माता-पिता की मौत एड्स से हुई थी, जिसके बाद रिश्तेदारों ने उन्हें घर से निकाल दिया। दरअसल, रिश्तेदारों को डर था कि कहीं इन बच्चों को भी एड्स न हो, और वह इनकी वजह से गांवभर में न फैल जाए।

यही नहीं, सात से 17 साल की उम्र के इन चारों बच्चों को दूसरे परिवारों के लोगों की कब्रों के पास भी टिकने नहीं दिया गया था, और अब पिछले तीन महीने से ये बच्चे अपने मां-बाप की कब्र के पास ही रह रहे हैं।

बच्चों में से एक आदिल के मुताबिक, "मेरे पापा को एड्स हो गया था... खत्म हो गए... फिर दो साल बाद हमारी अम्मी खत्म हो गईं... फिर भी हम सब लोग परिवार में रहते थे, लेकिन उन्होंने (परिवार के अन्य लोगों ने) हमें भी निकाल दिया... कहा कि कहीं उन्हें भी एड्स न हो जाए... इसलिए अब हम सब लोग यहां (कब्रिस्तान) रहते हैं..."

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वीडियो रिपोर्ट :
कब्रिस्तान में रह रहे हैं एड्स के कहर से यतीम हुए चार मासूम
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चंदन नामक पड़ोसी का कहना है, "ये बेचारे... जहां इनके माता-पिता की कब्रगाह बनी हुई है, वहीं एक शीशम के पेड़ पर पोलीथीन डालकर खुले आसमान के नीचे रहते हैं...।"

हालांकि  इनके गांव में प्रधान भी है, विधायक का घर भी ज़्यादा दूरी पर नहीं है, और सांसद भी इसी शहर में रहते हैं, लेकिन तीन महीने तक किसी ने इनकी सुध नहीं ली और अब एनडीटीवी पर खबर दिखाए जाने पर ही सरकारी तंत्र की नींद खुली और इन बच्चों के लिए मकान आवंटन की घोषणा की गई।

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