लंदन:
टाइटेनिक जहाज सम्भवत: खराब गुणवत्ता के कीलों की वजह से डूबा, जिन पर जहाज की सतह को जोड़े रखने का दारोमदार था।
यह अनुमान एक शोध में जताया गया है। करीब एक शताब्दी पहले हुई इस घटना की नए सिरे से जांच के बाद जल वैज्ञानिक रिचर्ड कोरफील्ड ने कहा कि जहाज के डूबने की वजह खराब मौसम भी था, जिसके कारण आईसबर्ग सामने आया।
कोरफील्ड ने इस दिशा में दो धातु विज्ञानियों टिम फोएक और जेनिफर हूपर मैक्कार्टी के काम का उल्लेख किया है। उन्होंने बेलफास्ट, जहां टाइनेनिटक का निर्माण हुआ, से लेकर इससे जुड़े तमाम ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अपने विश्लेषण को सम्बद्ध किया है।
उन्होंने पाया कि जिन कीलों पर जहाज की सतह को जोड़कर रखने का दारोमदार था, वे एक समान नहीं थे, उनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं थी और न ही उन्हें ठीक तरीके से लगाया गया था। यह शोध रिपोर्ट 'फिजिक्स वर्ल्ड' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
जहाज के डूबने के लिए खराब मौसम भी जिम्मेदार रहा। कैरिबियन सागर में मौसम जहां अपेक्षाकृत गर्म था, वहीं उत्तरी अटलांटिक सागर में मौसम ठंडा था, जिसकी वजह से समुद्र में आईसबर्ग आया और उससे टकराकर जहाज डूब गया।
यह अनुमान एक शोध में जताया गया है। करीब एक शताब्दी पहले हुई इस घटना की नए सिरे से जांच के बाद जल वैज्ञानिक रिचर्ड कोरफील्ड ने कहा कि जहाज के डूबने की वजह खराब मौसम भी था, जिसके कारण आईसबर्ग सामने आया।
कोरफील्ड ने इस दिशा में दो धातु विज्ञानियों टिम फोएक और जेनिफर हूपर मैक्कार्टी के काम का उल्लेख किया है। उन्होंने बेलफास्ट, जहां टाइनेनिटक का निर्माण हुआ, से लेकर इससे जुड़े तमाम ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अपने विश्लेषण को सम्बद्ध किया है।
उन्होंने पाया कि जिन कीलों पर जहाज की सतह को जोड़कर रखने का दारोमदार था, वे एक समान नहीं थे, उनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं थी और न ही उन्हें ठीक तरीके से लगाया गया था। यह शोध रिपोर्ट 'फिजिक्स वर्ल्ड' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
जहाज के डूबने के लिए खराब मौसम भी जिम्मेदार रहा। कैरिबियन सागर में मौसम जहां अपेक्षाकृत गर्म था, वहीं उत्तरी अटलांटिक सागर में मौसम ठंडा था, जिसकी वजह से समुद्र में आईसबर्ग आया और उससे टकराकर जहाज डूब गया।
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