कनाडा:
टाइटैनिक के दीवाने अमेरिकी और ब्रिटिश पोतों में सवार होकर उस स्थान पर जा रहे हैं जहां आज से 100 साल पहले टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर डूब गया था।
टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
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