आनुवांशिक सूत्रकणिका विकार से पीड़ित परिवारों के घर में खुशियां लाएगा यह तकनीक.
न्यूयॉर्क:
विश्व के पहले 'तीन माता-पिता के बच्चे' के जन्म को संभव कर दिखाने वाली नई और अग्रणी आईवीएफ तकनीक की विस्तृत जानकारी का वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है. इस बच्चे का जन्म पिछले वर्ष हुआ था. इस तकनीक ने उन परिवारों के लिए आशा की किरण जगाई है जो आनुवांशिक सूत्रकणिका विकार से पीड़ित हैं और स्वस्थ बच्चों को जन्म देना चाहते हैं. मीटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (एमआरटी) के परिणाम स्वरूप एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ है. एमटीआर के कारण इस दंपति को स्वस्थ बच्चा प्राप्त हुआ. लेग सिंड्रोम के कारण वह अपने दो बच्चों को पहले ही खो चुके थे.
जॉर्डन का रहने वाला यह दंपति, बीते बीस वषरें से परिवार शुरू करने की कोशिश कर रहा था. इस बच्चे के जन्म से पहले, महिला का चार बार गर्भपात हो गया था और उन्होंने अपने पहले दो बच्चे खो भी दिए थे.
एमआरटी के साथ आईवीएफ प्रक्रिया का इस्तेमाल करने के बाद पिछले साल छह अप्रैल को इस बच्चे का जन्म हुआ.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जॉर्डन का रहने वाला यह दंपति, बीते बीस वषरें से परिवार शुरू करने की कोशिश कर रहा था. इस बच्चे के जन्म से पहले, महिला का चार बार गर्भपात हो गया था और उन्होंने अपने पहले दो बच्चे खो भी दिए थे.
एमआरटी के साथ आईवीएफ प्रक्रिया का इस्तेमाल करने के बाद पिछले साल छह अप्रैल को इस बच्चे का जन्म हुआ.
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