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This Article is From Sep 22, 2011

अंतिम सांस के वक्त नवाब पटौदी के साथ था परिवार

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डॉ राय ने कहा, हम परिजनों को उनकी बिगड़ती हालत के बारे में बताते रहे और उन्हें हमें पूरा सहयोग दिया।
नई दिल्ली: क्रिकेट जगत के एक सशक्त हस्ताक्षर मंसूर अली खां पटौदी जिंदगी से अपनी जंग हार गए लेकिन दुख की इस घड़ी में इस पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान का परिवार शांतचित बना रहा। टाइगर के नाम से मशहूर इस 70 वर्षीय क्रिकेटर का गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे। वह ऐसी बीमारी से पीड़ित थे जिसमें उनके दोनों फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल रही थी। सर गंगाराम अस्पताल के डॉ सुमित राय ने कहा, इस दौरान उनका परिवार काफी शांत रहा। जब उनका निधन हुआ तो उनकी पत्नी शर्मिलाजी, पुत्र सैफ और दोनों बेटियां सोहा और सबा बहुत शांत थे। उन्होंने कहा, शर्मिलाजी उस बीमारी के बारे में जानती थी जिससे वह पिछले कुछ समय से पीड़ित थे। वे पूरे समय अस्पताल में रही। जब उनकी हाल में सुधार नहीं हो रहा था तब भी उन्होंने चिकित्सकों का पूरा सहयोग किया। डॉ राय ने कहा, कल शाम जब वह बेहोश हो गये थे तो परिजन तब से ही बहुत दुखी थे लेकिन तीनों बच्चे इस दौरान यहां तक आखिर तक शांत बने रहे। हम उन्हें उनकी बिगड़ती हालत के बारे में बताते रहे और उन्हें हमें पूरा सहयोग दिया। अंतिम सांस लेने के समय तक वे सभी उनके साथ थे।

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