20 साल बाद पहले पति को सामने पाकर अचंभित रह गई बिहार के गया की महिला.
गया:
फिल्मों में तो आपने कई बार देखा होगा कि हिरोइन के दूसरे हीरो से शादी करते ही हीरो वापस लौट आता है और कहानी में दिलचस्प मोड़ आ जाता है. बिहार के गया जिले में एक ऐसी ही सच्ची कहानी सामने आई है. यहां एक महिला ने पति की मौत की खबर के बाद दूसरी शादी कर ली. अब 20 साल बाद एक बार फिर से पति-पत्नी की मुलाकात हो गई है. इतने लंबे समय पर पति के लौटने पर न केवल पत्नी बल्कि पूरा गांव अचंभित है. लोगों ने उस शख्स का जोरदार स्वागत किया तो पत्नी ने उसे माला पहनाया और मिठाई खिलाई. इस सच्ची कहानी में पत्नी के अलावा उस बच्चे के जीवन में भी एक दिलचस्प मोड़ आ गया क्योंकि, होश संभालने के बाद से ही वह जिस पिता के नाम के आगे स्वर्गीय लिख रहा था, वह उन्हें सामने से देख रहा था. लंबे अंतराल के बाद पति, पत्नी और बेटे के मिलन के मौके पर पूरे गांव में भावनात्मक माहौल देखने के मिला.
गया जिले के एक गांव में रहने वाले महेश्वर राजवंशी रोजगार की तलाश में 1996 में कोलकाता गए थे, वहां से कुछ साल बाद बेंगलुरु चले गये. बताया जाता है कि बेंगलुरु की एक प्लास्टिक फ्रैक्ट्री में उन्हें बंधुआ मजदूर बना लिया गया. गांव लौटने के बाद महेश्वर ने बताया कि उन्होंने कई बार घर आने की कोशिश की, लेकिन मालिक किसी बहाने से उन्हें रोक लेता. पिछले कुछ दिनों से न जानें क्यों उनका घर लौटने का बड़ा मन कर रहा था. इसके बाद वह मालिक से झूठ बोलकर गांव लौट आए.
महेश्वर के कई साल तक घर नहीं लौटने के बाद परिवार के लोगों ने काफी खोजबीन की और मंदिरों में मन्नतें मांगी, लेकिन किसी तरह की सूचना नहीं मिलने पर परिवार के लोगों ने उन्हें मरा हुआ समझ लिया.
महेश्वर की पत्नी ने दूसरी शादी कर अपना घर बसा लिया. वहीं उनके तीन बच्चों को बुजुर्ग मां ने किसी तरह लालन-पालन किया. अब बेटे के वापस घर आने से बुजुर्ग मां काफी खुश है. वहीं गांव के लोग भी काफी आश्चर्यचकित हैं कि जिसे वे मरा हुआ समझकर भूल गये थे, वह एकाएक जिंदा होकर घर आ गया है. मां बचिया देवी बेटे को वापस पाकर फूले नहीं शमां रही हैं और भगवान को शुक्रिया कर रही है.
अब 20 साल बाद महेश्वर राजवंशी के गांव लौटने पर पता चला कि अब पोता-पोती वाले हो गए हैं. उनका कहना है कि वो बेटे की शादी में तो शामिल नहीं हो पाए पर अब बाकी के जीवन परिवार के साथ रहकर गुजारेंगे.
गया जिले के एक गांव में रहने वाले महेश्वर राजवंशी रोजगार की तलाश में 1996 में कोलकाता गए थे, वहां से कुछ साल बाद बेंगलुरु चले गये. बताया जाता है कि बेंगलुरु की एक प्लास्टिक फ्रैक्ट्री में उन्हें बंधुआ मजदूर बना लिया गया. गांव लौटने के बाद महेश्वर ने बताया कि उन्होंने कई बार घर आने की कोशिश की, लेकिन मालिक किसी बहाने से उन्हें रोक लेता. पिछले कुछ दिनों से न जानें क्यों उनका घर लौटने का बड़ा मन कर रहा था. इसके बाद वह मालिक से झूठ बोलकर गांव लौट आए.
महेश्वर के कई साल तक घर नहीं लौटने के बाद परिवार के लोगों ने काफी खोजबीन की और मंदिरों में मन्नतें मांगी, लेकिन किसी तरह की सूचना नहीं मिलने पर परिवार के लोगों ने उन्हें मरा हुआ समझ लिया.
महेश्वर की पत्नी ने दूसरी शादी कर अपना घर बसा लिया. वहीं उनके तीन बच्चों को बुजुर्ग मां ने किसी तरह लालन-पालन किया. अब बेटे के वापस घर आने से बुजुर्ग मां काफी खुश है. वहीं गांव के लोग भी काफी आश्चर्यचकित हैं कि जिसे वे मरा हुआ समझकर भूल गये थे, वह एकाएक जिंदा होकर घर आ गया है. मां बचिया देवी बेटे को वापस पाकर फूले नहीं शमां रही हैं और भगवान को शुक्रिया कर रही है.
अब 20 साल बाद महेश्वर राजवंशी के गांव लौटने पर पता चला कि अब पोता-पोती वाले हो गए हैं. उनका कहना है कि वो बेटे की शादी में तो शामिल नहीं हो पाए पर अब बाकी के जीवन परिवार के साथ रहकर गुजारेंगे.
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