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मोटापे के शिकार किशोरों में पतले लड़कों के मुकाबले 50 फीसदी कम टेस्टोस्टेरोन होता है, जिससे बाद में जिंदगी में जाकर उन्हें नपुंसकता का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय मूल के एक शोधकर्ता की अगुवाई में किए गए शोध में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये शोध परिणाम मोटे किशारों के लिए गंभीर संदेश हैं।
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो में शोध टीम की अगुवा डॉक्टर परेश दानदोना ने बताया, हम मोटे किशोरों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की 50 फीसदी की कमी देखकर हैरान हैं, क्योंकि ये लोग युवा हैं और साथ ही इन्हें मधुमेह जैसी कोई समस्या भी नहीं है।
उन्होंने एक बयान में कहा, हमारे शोध के परिणाम भयंकर हो सकते हैं, क्योंकि इन मोटे किशारों को बाद में जाकर नपुंसकता के खतरे का सामना करना पड़ सकता है। यह शोध रिपोर्ट क्लिनिकल एंडोक्रायोनोलोजी जर्नल में प्रकाशित हुई है।
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