प्रतीकात्मक फोटो
बर्लिन:
अनुसंधानकर्ताओं ने पहली बार मिल्की वे का ‘ग्रोथ चार्ट’ तैयार किया है जो हमारी आकाशगंगा के शुरुआती काल से अब तक के विकास की कहानी बताता है। चार्ट में 70,000 से अधिक तारों की आयु का इस्तेमाल किया गया है।
आकार के साथ विकसित हुई आकाशगंगा
जर्मनी के हीडलबर्ग में स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी की मेलिसा नेस ने बताया ‘हमारी आकाशगंगा के केंद्र के निकट हम लोग वैसे तारों को देख सकते हैं जिनका निर्माण उस समय हुआ था जब यह नई और छोटी थी। हम लोग इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आकार में वृद्धि के साथ हमारी आकाशगंगा का विकास हुआ।’ उन्होंने कहा कि नई खोज से इसे देखना संभव है।
तारों की आयु जानना हुआ आसान
अध्ययन की सह-लेखिका मैरी मार्टिग ने कहा ‘अगर हम एक लाल तारे का द्रव्यमान जान लेते हैं तो हरेक तारे के भीतर की फ्यूजन घड़ी का इस्तेमाल करके हम उसके आयु का पता लगा सकते हैं। पहले लाल तारे का द्रव्यमान पता करना बहुत मुश्किल था लेकिन आकाशगंगा के सर्वेक्षण ने नई और क्रांतिकारी तकनीक को संभव बना दिया है।’
आकार के साथ विकसित हुई आकाशगंगा
जर्मनी के हीडलबर्ग में स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी की मेलिसा नेस ने बताया ‘हमारी आकाशगंगा के केंद्र के निकट हम लोग वैसे तारों को देख सकते हैं जिनका निर्माण उस समय हुआ था जब यह नई और छोटी थी। हम लोग इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आकार में वृद्धि के साथ हमारी आकाशगंगा का विकास हुआ।’ उन्होंने कहा कि नई खोज से इसे देखना संभव है।
तारों की आयु जानना हुआ आसान
अध्ययन की सह-लेखिका मैरी मार्टिग ने कहा ‘अगर हम एक लाल तारे का द्रव्यमान जान लेते हैं तो हरेक तारे के भीतर की फ्यूजन घड़ी का इस्तेमाल करके हम उसके आयु का पता लगा सकते हैं। पहले लाल तारे का द्रव्यमान पता करना बहुत मुश्किल था लेकिन आकाशगंगा के सर्वेक्षण ने नई और क्रांतिकारी तकनीक को संभव बना दिया है।’