प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए पेसमेकर की तरह काम करने वाली एक ऐसी डिवाइस बनाई गई है जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करेगी. वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस डिवाइस को कलाई के अंदर फिट किया जाएगा. मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कैलिफोर्निया की कंपनी वेलेन्सिया टेक्नोलॉजीज ने इसे डेवलप किया है. छोटे सिक्के (करीब 24 एमएम डायमीटर) के आकार की इस डिवाइस का नाम ई-कॉयन है. अमेरिका में इसकी टेस्टिंग की जा रही है.
निर्माता कंपनी के सीईओ जेफ ग्रेनर ने बताया, 'इसे बनाने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है, दवाओं का उपयोग कम करना. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दुनिया में हर पांचवें शख्स को है. इसे कंट्रोल करने के लिए अभी नियमित दवाओं के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है. इसकी दवाओं के कई साइड-इफेक्ट भी हैं. ई-कॉयन न्यूरो-मॉ़डुलेशन थेरेपी यानी हमारे नर्वस सिस्टम को स्टिमुलेट करता है. यह ब्रेन को सिग्नल्स भेजता है. फिर ब्रेन हॉर्मोन्स रिलीज करता है जो नर्वस सिस्टम को रिलैक्स कर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है. दुनिया में अब तक जितने पेसमेकर डिवाइस बने हैं, ई-कॉयन उनमें सबसे छोटा है. दूसरे पेसमेकर्स की तरह ये बैटरी से काम करता है, जिसे हर पांच साल में रिप्लेस करने की जरूरत होगी.'
उन्होंने बता, 'हम 5 साल से ई-कॉयन पर काम कर रहे हैं. पिछले साल न्यूजीलैंड, ताइवान और कनाडा के 48 लोगों पर इसे टेस्ट किया. अक्टूबर में इसका रिजल्ट आया. 42 लोगों ने कहा कि वे इससे काफी हद तक या पूरी तरह संतुष्ट हैं. अमेरिका में टेस्टिंग अभी शुरू हुई है. इसमें 306 लोगों पर मशीन का टेस्ट किया जाएगा. टेस्टिंग ऐसे लोगों पर की जा रही है जो हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए दो से तीन दवाएं लेते हैं. नतीजा अगले साल तक तक आएगा.'
उन्होंने ने कहा, 'यहां टेस्टिंग के लिए अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से अनुमति मिली है. फिलहाल करीब 3 साल तक हम अलग-अलग जगहों पर डिवाइस को टेस्ट करेंगे. अभी इसकी कीमत के बारे में कुछ कह नहीं सकते. ही यह कहा जा सकता है कि कब तक ये लोगों के लिए उपलब्ध होगा.' कंपनी का दावा है कि ई-कॉयन का इंप्लांट बेहद आसान है. इसे महज 20 मिनट की आसान प्रक्रिया से मरीज की दोनों कलाइयों (फोरआर्म) के अंदर लगाया जाता है.
(इनपुट एजेंसी से भी)
निर्माता कंपनी के सीईओ जेफ ग्रेनर ने बताया, 'इसे बनाने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है, दवाओं का उपयोग कम करना. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दुनिया में हर पांचवें शख्स को है. इसे कंट्रोल करने के लिए अभी नियमित दवाओं के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है. इसकी दवाओं के कई साइड-इफेक्ट भी हैं. ई-कॉयन न्यूरो-मॉ़डुलेशन थेरेपी यानी हमारे नर्वस सिस्टम को स्टिमुलेट करता है. यह ब्रेन को सिग्नल्स भेजता है. फिर ब्रेन हॉर्मोन्स रिलीज करता है जो नर्वस सिस्टम को रिलैक्स कर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है. दुनिया में अब तक जितने पेसमेकर डिवाइस बने हैं, ई-कॉयन उनमें सबसे छोटा है. दूसरे पेसमेकर्स की तरह ये बैटरी से काम करता है, जिसे हर पांच साल में रिप्लेस करने की जरूरत होगी.'
उन्होंने बता, 'हम 5 साल से ई-कॉयन पर काम कर रहे हैं. पिछले साल न्यूजीलैंड, ताइवान और कनाडा के 48 लोगों पर इसे टेस्ट किया. अक्टूबर में इसका रिजल्ट आया. 42 लोगों ने कहा कि वे इससे काफी हद तक या पूरी तरह संतुष्ट हैं. अमेरिका में टेस्टिंग अभी शुरू हुई है. इसमें 306 लोगों पर मशीन का टेस्ट किया जाएगा. टेस्टिंग ऐसे लोगों पर की जा रही है जो हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए दो से तीन दवाएं लेते हैं. नतीजा अगले साल तक तक आएगा.'
उन्होंने ने कहा, 'यहां टेस्टिंग के लिए अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से अनुमति मिली है. फिलहाल करीब 3 साल तक हम अलग-अलग जगहों पर डिवाइस को टेस्ट करेंगे. अभी इसकी कीमत के बारे में कुछ कह नहीं सकते. ही यह कहा जा सकता है कि कब तक ये लोगों के लिए उपलब्ध होगा.' कंपनी का दावा है कि ई-कॉयन का इंप्लांट बेहद आसान है. इसे महज 20 मिनट की आसान प्रक्रिया से मरीज की दोनों कलाइयों (फोरआर्म) के अंदर लगाया जाता है.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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