फाइल फोटो
वाशिंगटन:
नासा के अंतरिक्षयान 'न्यू होराइजन मिशन' ने प्लूटो के आकार को लेकर दशकों तक चले विमर्श को खत्म कर दिया है। अंतरिक्षयान ने यह पता लगा लिया है कि बौना ग्रह प्लूटो का व्यास 2,370 किलोमीटर है, जो पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है।
प्लूटो के आकार का निर्धारण न्यू होराइजन अंतरिक्षयान के लांग रेंज रीकानिसन्स इमेजर (एलओआरआरआई) की मदद से ली गई तस्वीर से किया गया।
परिणाम से उन अनुमानों की पुष्टि हो गई है, जिसके अनुसार यह माना जा रहा था कि यह नेप्च्यून की कक्षा से परे अन्य सभी ज्ञात सौर मंडल वस्तुओं की तुलना में अधिक बड़ा है।
मिशन में लगे वैज्ञानिक बिल मकेनन ने कहा 'साल 1930 में प्लूटो की खोज के साथ ही इसके आकार पर बहस हो रही थी। हम लोग आखिरकार इस सवाल के खत्म होने से उत्साहित हैं।’ प्लूटो के नए अनुमानित आकार का मतलब है कि पहले की सोच की तुलना में इसका घनत्व थोड़ा कम है और इसके आंतरिक भाग में बर्फ का अंश थोड़ा ज्यादा है।
इसके वातावरण से जुड़े उलझे हुए कारकों के चलते प्लूटो के आकार का निर्धारण दशकों से एक चुनौतिपूर्ण कार्य रहा है।
एलओआरआरआई ने प्लूटो के सबसे बड़े चंद्रमा कैरन के अलावा इसके दो छोटे चंद्रमा निक्स और हाइड्रा को भी जूम करके दिखाया है।
प्लूटो के आकार का निर्धारण न्यू होराइजन अंतरिक्षयान के लांग रेंज रीकानिसन्स इमेजर (एलओआरआरआई) की मदद से ली गई तस्वीर से किया गया।
परिणाम से उन अनुमानों की पुष्टि हो गई है, जिसके अनुसार यह माना जा रहा था कि यह नेप्च्यून की कक्षा से परे अन्य सभी ज्ञात सौर मंडल वस्तुओं की तुलना में अधिक बड़ा है।
मिशन में लगे वैज्ञानिक बिल मकेनन ने कहा 'साल 1930 में प्लूटो की खोज के साथ ही इसके आकार पर बहस हो रही थी। हम लोग आखिरकार इस सवाल के खत्म होने से उत्साहित हैं।’ प्लूटो के नए अनुमानित आकार का मतलब है कि पहले की सोच की तुलना में इसका घनत्व थोड़ा कम है और इसके आंतरिक भाग में बर्फ का अंश थोड़ा ज्यादा है।
इसके वातावरण से जुड़े उलझे हुए कारकों के चलते प्लूटो के आकार का निर्धारण दशकों से एक चुनौतिपूर्ण कार्य रहा है।
एलओआरआरआई ने प्लूटो के सबसे बड़े चंद्रमा कैरन के अलावा इसके दो छोटे चंद्रमा निक्स और हाइड्रा को भी जूम करके दिखाया है।
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