यह तस्वीर नासा द्वारा ट्वीट की गई है...
केप केनवरेल:
नासा के न्यू होराइजन अंतरिक्ष यान ने प्लूटो पर पहुंचकर तीन सौ करोड़ मील दूर सांस थामकर बैठे वैज्ञानिकों को अपनी सफलता का संदेश दिया। पहली बार इंसान इस बौने ग्रह के इतने करीब पहुंच पाया है। पूरे दिन उत्साह के साथ तनाव में जीने वाली न्यू होराइजन की टीम ने उड़ान के 13 घंटे बाद मिशन के सफल होने की पुष्टि के बाद इस अभूतपूर्व सफलता का जश्न मनाया।
शुरुआती संकेत उत्साहजनक थे और मिशन के संचालन केंद्र मैरीलैंड में मंगलवार सुबह उत्साहवद्धर्क जीत का माहौल था, लेकिन जब तक न्यू होराइजन ने पृथ्वी पर संदेश नहीं भेजा तब तक इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि अंतरिक्षयान छोटे और बर्फ से ढंके ग्रह पर पहुंच गया है।
पिछली आधी सदी से ग्रहों पर पहुंचने के लिहाज से यह नासा का अंतिम लक्ष्य था। न्यू होराइजन की यात्रा नौ साल से भी अधिक समय पहले तब शुरू हुई थी जब प्लूटो को पूरी तरह एक ग्रह समझा जाता था।
नासा के विज्ञान मिशन के प्रमुख जान ग्रंसफेल्ड ने कहा ‘वास्तविक मायने में यह मानवीय इतिहास की एक कसौटी है।’ उन्होंने कहा ‘यह एक अद्भुत यात्रा थी।’ नासा ने ट्विटर के माध्यम से इस पूरे अभियान के पुष्टि को लेकर उल्टी गिनती की।
शुरुआती संकेत उत्साहजनक थे और मिशन के संचालन केंद्र मैरीलैंड में मंगलवार सुबह उत्साहवद्धर्क जीत का माहौल था, लेकिन जब तक न्यू होराइजन ने पृथ्वी पर संदेश नहीं भेजा तब तक इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि अंतरिक्षयान छोटे और बर्फ से ढंके ग्रह पर पहुंच गया है।
पिछली आधी सदी से ग्रहों पर पहुंचने के लिहाज से यह नासा का अंतिम लक्ष्य था। न्यू होराइजन की यात्रा नौ साल से भी अधिक समय पहले तब शुरू हुई थी जब प्लूटो को पूरी तरह एक ग्रह समझा जाता था।
नासा के विज्ञान मिशन के प्रमुख जान ग्रंसफेल्ड ने कहा ‘वास्तविक मायने में यह मानवीय इतिहास की एक कसौटी है।’ उन्होंने कहा ‘यह एक अद्भुत यात्रा थी।’ नासा ने ट्विटर के माध्यम से इस पूरे अभियान के पुष्टि को लेकर उल्टी गिनती की।
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