अहमदाबाद:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिनी सद्भावना उपवास के दौरान एक मुस्लिम मौलाना की ओर से दी गई टोपी नहीं पहनी। शहर के पास स्थित पिराना गांव में एक छोटी सी दरगाह के मौलाना सैयद इमाम शाही सैयद ने मोदी के उपवास स्थल पर मंच पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। मौलाना ने मोदी को एक टोपी पहनने की पेशकश की लेकिन मुख्यमंत्री ने विनम्रता से उसे पहनने से मना कर दिया और उसके बजाय शॉल ओढ़ाने को कहा। इमाम ने मोदी को शॉल ओढ़ाया जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। सैयद ने संवाददाताओं से कहा, मोदी का टोपी पहनने से इनकार करना मेरा नहीं बल्कि इस्लाम का अपमान है। उन्होंने कहा, मैं सद्भावना मिशन उपवास के बारे में सुनकर अहमदाबाद आया था और मोदी का सम्मान करने मंच पर गया। जब मैंने उन्हें टोपी की पेशकश की तो उन्होंने मुझसे कहा कि वह इसे नहीं पहनेंगे। हो सकता है कि उन्होंने सोचा हो कि टोपी पहनने से उनकी छवि खराब होगी। हालांकि भाजपा का कहना है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विजय रूपानी ने कहा, नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि उनकी नीति अन्य पार्टियों की तरह समाज के किसी वर्ग के तुष्टिकरण की नहीं है बल्कि हमारा प्रयास सभी के लिए विकास करना और सब के साथ एक जैसा व्यवहार करना है। उन्होंने कहा, यहां अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों सदस्य आए हैं लेकिन किसी ने इस बात पर जोर नहीं दिया कि मोदी टोपी पहनें। यह कोई मुद्दा नहीं है जिसे हमारे विरोधी बड़ा बना रहे हैं।
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