जयपुर:
कांग्रेस में औपचारिक रूप से ‘नंबर-2’ की कुर्सी संभालने वाले राहुल गांधी न सिर्फ स्वयं बल्कि उनकी मां सोनिया गांधी भी काफी भावुक हो उठीं और रो पड़ीं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में राहुल ने परिवार के अंतरंग क्षणों को कांग्रेसजन से बांटते हुए कहा, ‘मैं कुछ भावुक बातें बताना चाहता हूं कि कल पार्टी का मुझे उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मैं रात को सो नहीं पाया। सुबह चार बजे उठा और बालकनी में गया।’ उन्होंने कहा, ‘बड़ी जिम्मेदारी महसूस कर रहा था। अंधेरा था और ठंड थी। मैंने फैसला किया कि मैं वह नहीं कहूंगा जो आप सुनना चाहते हैं।’
राहुल ने कहा कि जब वह छोटे थे तो बैडमिंटन पसंद करते थे क्योंकि वह संतुलन दिखाता है। दादी (इंदिरा गांधी) के सुरक्षाकर्मियों के साथ ‘मैं बैडमिन्टन खेलता था। एक दिन उन्होंने मेरी दादी को मार दिया और संतुलन हटा दिया। मेरे पिता बंगाल से आए, अस्पताल गए। अंधेरा था। लोग गुस्से में चिल्ला रहे थे। पिता को पहली बार मैंने रोते देखा।’
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में राहुल ने परिवार के अंतरंग क्षणों को कांग्रेसजन से बांटते हुए कहा, ‘मैं कुछ भावुक बातें बताना चाहता हूं कि कल पार्टी का मुझे उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मैं रात को सो नहीं पाया। सुबह चार बजे उठा और बालकनी में गया।’ उन्होंने कहा, ‘बड़ी जिम्मेदारी महसूस कर रहा था। अंधेरा था और ठंड थी। मैंने फैसला किया कि मैं वह नहीं कहूंगा जो आप सुनना चाहते हैं।’
राहुल ने कहा कि जब वह छोटे थे तो बैडमिंटन पसंद करते थे क्योंकि वह संतुलन दिखाता है। दादी (इंदिरा गांधी) के सुरक्षाकर्मियों के साथ ‘मैं बैडमिन्टन खेलता था। एक दिन उन्होंने मेरी दादी को मार दिया और संतुलन हटा दिया। मेरे पिता बंगाल से आए, अस्पताल गए। अंधेरा था। लोग गुस्से में चिल्ला रहे थे। पिता को पहली बार मैंने रोते देखा।’
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