जब कोई पर्स या बटुआ खो जाता है तो उसके वापस मिलने की संभावना बहुत कम होती है. लेकिन, दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो किसी का पर्स, बटुआ या कोई कीमती सामान मिलने पर उसे वापस भी कर देते हैं. बेंगलुरु (Bengaluru) के एक शख्स ने एक्स पर शेयर किया कि एक अजनबी ने उनका बटुआ वापस करने के लिए क्या किया.
उस शख्स ने एक्स पर अजनबी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “कल शाम को मेरा बटुआ व्यस्त नगेनहल्ली मेन रो़ड पर गिर गया. मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि मैंने इसे गिरा दिया है, जब तक कि आज शाम किसी ने फोन नहीं किया कि उसे मेरा बटुआ मिल गया है. इसमें मेरा डीएल, कार्ड और 2 हजार नकद थे.''
उन्होंने आगे कहा, “हम नागेनाहल्ली मेन रो़ड पर एक ऐतिहासिक स्थल पर मिले. उसने बटुआ मुझे वापस दिया और मुझसे देखने को कहा कि पैसे और कार्ड सही सलामत हैं या नहीं. मैंने इस भाव के लिए उन्हें बहुत धन्यवाद दिया और उनसे पूछा कि उन्हें मेरा संपर्क नंबर कैसे मिला. उन्होंने कहा कि वह कल से मेरा संपर्क ढूंढने की कोशिश कर रहे थे और आखिरकार बटुए की जांच करने पर उन्हें एक बिल मिला, जिस पर मेरा नंबर था.
जब उस शख्स ने अजनबी से पूछा कि उसने उनका बटुआ क्यों लौटाया, तो उसने कहा, "जो पैसा हम कमाते हैं वह हमारे पास नहीं रहता, किसी और के पैसे का क्या फायदा." अपनी पोस्ट खत्म करते हुए शख्स ने कहा, “दुनिया में अभी भी जागरूक, नेक इरादों वाले लोग हैं. सब खोया नहीं है. रमेशन्ना से मिलें जिन्होंने मेरा बटुआ ढूंढकर वापस कर दिया.''
Dropped my purse yesterday evening on busy nagenahalli mainroad. I didn't realise I had dropped it until someone called today evening saying he had found my purse. It had my DL, cards and 2k cash.
— Voice Of Parents Association ® (@VoiceOfParents2) January 11, 2024
We met at landmark on nagenahalli mainroad. He handed over the purse asked me to… pic.twitter.com/yoCx7hLRRJ
11 जनवरी को शेयर किए जाने के बाद से इस ट्वीट को 4.4 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. कई लोगों ने पोस्ट को रीट्वीट भी किया और कमेंट सेक्शन में अपने विचार शेयर किए. एक यूजर ने पोस्ट किया, "आशा है कि आपने उसे मिठाई का डिब्बा दिया होगा." इस पर उस शख्स ने जवाब दिया, 'मैं पूरी तरह से अविश्वास में था, सोच नहीं पा रहा था. बहुत अवास्तविक लगा. इस सप्ताह के अंत में मैं अपना आभार व्यक्त करने की सोच रहा हूं,''
दूसरे ने कहा, "आपको उसे अच्छा, खुशनुमा भोजन देना चाहिए, सर." उस शख्स ने आगे कहा, “ऐसी योजना बना रहा हूं. तीसरे ने कहा, "सरल लोग सबसे ईमानदार लोगों में से एक हैं जिनसे मैं जीवन में मिला हूं." चौथे ने कमेंट किया, “मैंने बेंगलुरू में ऐसा दो बार किया है. एक बार यह क्राइस्ट कॉलेज में पढ़ने वाला एक छात्र था. मैंने फेसबुक पर उनसे संपर्क किया. दूसरी बार टेक पार्क में था. आईडी कार्ड में आपातकालीन संपर्क नंबर के माध्यम से महिला तक पहुंच गया. पांचने ने लिखा, "तुम्हें जीवन भर के लिए एक भाई मिल गया, है ना?"
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