COVID-19 महामारी भारत में फैल चुकी है, ऐसे में सरकार ने लोगों को घर में ही रहने को कहा है. मुंबई से कुछ ही दूर पंजू आईलैंड ने सेल्फ-क्वारंटाइन (खुद से एकांतवास) कर लिया है. पिछले दो दिनों से ये आईलैंड सेल्फ-क्वारंटाइन में है. बोरीवली स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर दूर ठाणे की सीमा पर ये पंजू आईलैंड है. ये दुनिया का पहला ऐसा द्वीप है जिसने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है.
पंजू गांव के सरपंच आशीष भोईर ने आईएएनएस को बताया, ''रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान के बाद हमने ये फैसला लिया है. इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कई कड़े कदम उठाए. लगभग 1,500 ग्रामीणों ने 31 मार्च तक सेल्फ-क्वारंटाइन में रहने का फैसला किया.''
पंजू द्वीप को नायगांव से जोड़नी वाली 30 फेरी सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है. आपात स्थिति पर ही लोग बाहर निकलेंगे. नहीं तो वो घर पर ही रहेंगे. इस गांव की कई महिलाएं और पुरुष मुंबई-ठाणे में काम करते हैं, लेकिन वो भी इस वक्त अपने घर पर ही हैं. ग्राम प्रधान के अनुसार पर्यटकों और बाहर से आकर पंजू द्वीप में काम करने वालों पर भी आने से प्रतिबंध लगा दिया गया है. मछली पकड़ने वाले जिन 100 नांव का इस्तेमाल करते हैं, उनको भी किनारों पर बांध दिया गया है.
आशीष भोईर ने कहा- ''हमारे द्वीप में कोई भी व्यक्ति कोरोनावायरस के मरीज के संपर्क में नहीं आया है. हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. जब तक ये खतरा रहेगा हम सेल्फ-क्वारंटाइन में रहेंगे.''
अन्य निवासी किरार भोईर ने कहा, ''साप्ताहिक मंडलियों (सत्संगों) को अगले आदेशों तक रोक दिया गया है. अप्रैल में होने वाले गांव के खेल टूर्नामेंट को भी स्थगित कर दिया गया है. क्योंकि उसको देखने बाहर से भी लोग आते हैं. हम हर तरह की सावधानियां बरत रहे हैं. हमारा मकसद है कि कोरोनावायरस हमारे खूबसूरत द्वीप पर कभी हमला न करे.''
ठाणे की एक फैक्ट्री में काम करने वाले राजू पाटिल के मुताबिक, ''लगभग 10 प्रतिशत आबादी गरीब है और जीवित रहने के लिए दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, फिर भी हमने इतना बड़ा फैसला लिया है.''
पाटिल ने कहा, "सरपंच ने अन्य ग्रामीणों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे सभी लोगों और उनके परिवारों को भोजन और अन्य आवश्यक चीजें मुहैया कराएं.'' 2.50 वर्गमीटर में फैला, पांजू द्वीप एक 'शून्य-प्रदूषण' वाला नो-व्हीकल ज़ोन है, जिसमें एक स्कूल, एक छोटा स्वास्थ्य केंद्र, कई मंदिर हैं और ग्रामीण ज्यादातर चावल, सब्जियां, अमरूद, चीकू, केला, आम, जामुन की खेती करते हैं और मुंबई-ठाणे में कारखानों, कंपनियों या निजी कार्यालयों में काम करते हैं.
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