महाराष्ट्र के बीड में चौथी कक्षा के स्टूडेंट ने स्कूल में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अपने घर की व्यथा लिख दी. उसे पढ़कर भावुक हुई टीचर ने निबंध को दोस्तों को भेज दिया, उसके बाद निबंध वायरल हुआ तो सीधे सामाजिक न्याय मंत्री के पास पहुंच गया और उन्होंने उसे आर्थिक मदद का आदेश भी दे दिया. आपको बता दें, बीड जिले के जिला परिषद स्कूल में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ.
स्कूल ने ''मेरे पिता'' विषय पर निबंध लिखने को कहा. चौथी कक्षा के मंगेश वाल्के ने निबंध में अपने घर की पूरी व्यथा लिख दी. मंगेश ने लिखा, ''मेरे पिता कहते थे पढ़ लिखकर साहब बनना, लेकिन साल भर पहले मेरे पिता की टीबी से मौत हो गई. मैं और मां खूब रोये थे. तब बहुत से लोग हमारे घर आये थे, पर अब कोई हमारी मदद नही करता. मां अपंग है ( दिव्यांग), इसलिए घर का सारा काम अब मुझे ही करना पड़ता है.''
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स्कूल की शिक्षिका का कहना है उन्होंने जब मंगेश का लिखा निबंध पढ़ा तो उनका दिल भर आया और मदद के लिए अपने परिचितों को भेज दिया. मंगेश का लिखा निबंध इस कदर वायरल हुआ कि सीधे राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री के पास पहुंच गया और फिर मंत्रीजी ने मदद का सरकारी आदेश भी जारी कर दिया. वो अब मंगेश का खर्चा तब तक उठाएंगे, जब तक वो नौकरी नहीं करने लगता.
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मंगेश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है. मां शारदा के मुताबिक मंगेश के लिए उसके पिता ने एक गाय भी खरीदा थी ताकि वो दूध पी सके. अब मंगेश को ही इस गाय की देखभाल करनी पड़ती है. जिस उम्र में बच्चों के खेलने खाने का वक्त होता है, उस उम्र में मंगेश पर अपने घर की जिम्मेदारी का भार आ गया है, बहरहाल बीड के मंगेश को तो अब सरकार का सहारा मिल गया लेकिन देश मे ना जाने और कितने मंगेश गरीबी के बोझ तले दबे हुए हैं.
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