संगम (इलाहाबाद):
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले का आगाज हो चुका है। कहते हैं संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था और विश्वास के साथ देश ही नहीं विदेशों से भी लोग यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार के कितने दागी मंत्री अपने पाप धोने के लिए संगम में डुबकी लगाने आते हैं।
सूत्रों की मानें तो अखिलेश सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्रियों सहित कई विधायकों ने संगम तीरे आने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए उनके निजी सचिवों ने संगम तट पर या फिर अतिथि गृहों में कमरे बुक कराने का काम शुरू कर दिया है।
वैसे तो प्रदेश सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महाकुम्भ के दौरान पड़ने वाले पवित्र स्नान के समय कोई भी वीआईपी इलाहाबाद न आए क्योंकि प्रशासन के लिए विशेष व्यवस्था करना काफी मुश्किल होगा।
सूबे के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो महाकुम्भ के दौरान यहां स्नान के लिए कई मंत्रियों के अलग-अलग समय पर पहुंचने की उम्मीद है। इस दौरान मंत्रियों के परिवार भी उनके साथ ही मौजूद रहेंगे। उनके आदर सत्कार की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
सूत्रों की मानें तो जेलमंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री अरविंद सिंह गोप, राजस्वमंत्री अम्बिका चौधरी, शिक्षामंत्री रामगोविंद चौधरी, बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह, विधायक विजय मिश्रा सहित करीब आधा दर्जन माननीय संगम में डुबकी लगाने आएंगे।
उप्र के माननीयों की बात करें तो कई दर्जन ऐसे विधायक हैं, जिनके खिलाफ हत्या, लूट , बलात्कार, हत्या के प्रयास और डकैती जैसे संगीन मामले चल रहे हैं।
नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफर्म्स द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक उप्र के 53 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। सपा सरकार में करीब 25 मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग को खुद बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से नौ मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और डकैती जैसे संगीन मुकदमे दर्ज हैं।
गौरतलब है कि सपा के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में भी ऐसे कई माननीय हैं, जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट और बलात्कार के मुकदमे चल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो अखिलेश सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्रियों सहित कई विधायकों ने संगम तीरे आने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए उनके निजी सचिवों ने संगम तट पर या फिर अतिथि गृहों में कमरे बुक कराने का काम शुरू कर दिया है।
वैसे तो प्रदेश सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महाकुम्भ के दौरान पड़ने वाले पवित्र स्नान के समय कोई भी वीआईपी इलाहाबाद न आए क्योंकि प्रशासन के लिए विशेष व्यवस्था करना काफी मुश्किल होगा।
सूबे के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो महाकुम्भ के दौरान यहां स्नान के लिए कई मंत्रियों के अलग-अलग समय पर पहुंचने की उम्मीद है। इस दौरान मंत्रियों के परिवार भी उनके साथ ही मौजूद रहेंगे। उनके आदर सत्कार की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
सूत्रों की मानें तो जेलमंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री अरविंद सिंह गोप, राजस्वमंत्री अम्बिका चौधरी, शिक्षामंत्री रामगोविंद चौधरी, बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह, विधायक विजय मिश्रा सहित करीब आधा दर्जन माननीय संगम में डुबकी लगाने आएंगे।
उप्र के माननीयों की बात करें तो कई दर्जन ऐसे विधायक हैं, जिनके खिलाफ हत्या, लूट , बलात्कार, हत्या के प्रयास और डकैती जैसे संगीन मामले चल रहे हैं।
नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफर्म्स द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक उप्र के 53 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। सपा सरकार में करीब 25 मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग को खुद बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से नौ मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और डकैती जैसे संगीन मुकदमे दर्ज हैं।
गौरतलब है कि सपा के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में भी ऐसे कई माननीय हैं, जिनके खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट और बलात्कार के मुकदमे चल रहे हैं।